सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने मंत्रिमंडल के बाद संसद में खेतीबाड़ी बिलों का किया जोरदार विरोध
चंडीगढ़/दिल्ली/09फरवरी ( विश्व वार्ता )-: पूर्व केंद्रीय मंत्री तथा शिरोमणी अकाली दल की वरिष्ठ नेता सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि चैंकाने वाली बात है प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को परजीवी कहा है। उन्होने कहा कि वह इसका संसद के अंदर तथा बाहर दोनों जगहों पर विरोध करती हैं तथा प्रधानमंत्री से अनुरोध करती हैं कि वह किसान आंदोलन के खिलाफ सरकारी बर्बरता तुरंत बंद करवाएं।
यहां जारी किए एक बयान में सरदारनी हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह एक सच्चाई है कि उस समय के गुजरात के मुख्यमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मुख्यमंत्रियों की वर्किंग कमेटी ने पहले ही किसान हितों की रक्षा की सिफारिशें की थी तथा कहा था कि एम.एस.पी तथा से कम किसानों तथा व्यापारियों से कोई सौदेबाजी नही होनी चाहिए। उन्होने पूछा कि उस समय से अब तक क्या बदला है।
सरदारनी बादल ने कहा कि केंद्र सरकार यह बताएं कि 26 जनवरी की घटनाओं के बारे खुफिया एजेंसियों की असफलता की जांच क्यों नही की जा रही है। उन्होने कहा कि जिन्होने राष्ट्र के झंडे के लिए सबसे ज्यादा कुर्बानियां दी हैं , उन्हे ही निशाना बनाया जा रहा है। उन्होने कहा कि जिस केसरी निशान साहिब का प्रधानमंत्री आप सम्मान करते थे उसकी बदनामी की जा रही है।
उन्होने कहा कि हैरानी वाली बात है कि केंद्र सरकार में कितना अंहकार आ गया है। यह किसानों को बिचैलिए, नक्सली तथा खालिस्तानी करार देकर उन्हे बदनाम कर रही है तथा किसानों की भलाई के लिए किसी भी मंत्री को भेजने के लिए तैयार नही है। उन्होने कहा कि केंद्र सरकार नौजवानों तथा सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा पत्रकारों के खिलाफ दमन की नीति अपना रही है।
उन्होने कहा कि गुरु नानक देव जी ने किरत करो, नाम जपो, वंड छको का संदेश दिया था तथा गुरु नानक देव जी ने स्वयं 18 साल खेतीबाड़ी की ।
यह जिक्रयोग्य है सरदारनी बादल ने न सिर्फ केंद्रीय मंत्रिमंडल में खेतीबाड़ी आर्डिनेंस तथा बिलों का विरोध किया बल्कि विभिन्न मंत्रियों से मुलाकात करके उन्हे किसानों की चिंताए दूर करने के लिए भी कहा तथा खेतीबाड़ी बिलों का भी विरोध किया।