किसान संगठनों ने कमेटी को किया खारिज
कमेटी में सभी लोग सरकार के पक्ष-किसान संगठन
कमेटी 10 दिन में किसानो के साथ बैठक करेगी- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा-राकेश टिकैत
दिल्ली 12 जनवरी (विश्ववार्ता):केंद्र सरकार के कृषि कानून का विरोध कर रहे किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाने के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है. संगठनों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में सभी लोग सरकार के हैं. उनका कहना है कि सरकार ने शरारत की है. संगठनों ने कहा कि वह कमेटी के सामने नहीं जाएंगे. किसान संगठनों ने समिति को खारिज कर दिया है. क्रांतिकारी किसान यूनियन के प्रमुख दर्शन पाल ने कहा हमने कल देर रात प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि हम मध्यस्थता के लिए सुप्रीम कोर्ट के कमेटी बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे. हम ये आत्मविश्वास से कह सकते हैं कि केंद्र सुप्रीम कोर्ट के कंधों से भार हटाने के लिए उसके जरिए कमेटी बनाएगा.
भारतीय किसान यूनियन (आर) के बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हमने कल ही कहा था कि हम किसी भी कमेटी के सामने नहीं जाएंगे. हमारा प्रदर्शन पहले की तरह ही जारी रहेगा. कमेटी में सभी लोग सरकार के पक्ष के हैं. और वह सरकार के कानूनों पर सफाई देने वाले हैं.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि देश के किसान कोर्ट के फैसले से निराश हैं. अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में कमेटी ने सिफारिश की थी. गुलाटी ने ही कृषि कानूनों की सिफारिश की थी. राकेश टिकैत ने ट्वीट किया, ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था या कानून के समर्थक रहे हैं. अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाये जाने की सिफारिश की थी. देश का किसान इस फैसले से निराश है.’
राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों की मांग कानून को रद्द करने व न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानून बनाने की है. जब तक यह मांग पूरी नहीं होती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का परीक्षण कर कल संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा.