बाजार पर सी.सी.सी. का रह सकता है दबदबा,2 करोड़ गांठ खरीदेगी
जैतो,28सितंबर( रघुनंदन पराशर) भारत में नए कपास सीज़न साल 2020-21 के लिए किसानों ने कैश पेमेंट खरीफ फसल व्हाइट गोल्ड की बुआई अबतक करीब 2.11 फीसदी बढ़ाकर 130.37 लाख हेक्टेयर में कर ली है ,जबकि पिछले साल इस समय तक लगभग 127.67 लाख हेक्टेयर भूमि में व्हाइट गोल्ड की बुआई की थी। सूत्रों के अनुसार देश में इस साल 7 साल बाद फिर से बंपर पैदावार होने की संभावना है। इस साल व्हाइट गोल्ड का बुआई क्षेत्र बढ़ने के साथ- साथ खेतों में फसल सैंतें मार रही हैं। मौसम आगे अनुकूल रहा तो देश में व्हाइट गोल्ड की पैदावार विश्व स्तरीय रिकॉर्ड पैदावार आंकड़ा स्थापित होगा। इस साल व्हाइट गोल्ड की पैदावार के अनुमान अलग-अलग आ रहे जिसके अनुसार पैदावार 4, 4.20 व 4.25 करोड़ गांठों के आंकड़े बाजार में आ रहे। भारत में 7 साल बाद एक बार फिर से व्हाइट गोल्ड की बंपर पैदावार होने की बड़ी उम्मीद जताई जा रही है। पिछले 7 साल में देश में व्हाइट गोल्ड की पैदावार इस प्रकार रही। कपास सीज़न साल 2013-14 में 3.98 करोड़ गांठों की पैदावार रही जबकि 2014-15 में 3.86 करोड़,2015-16 में 3.32 करोड़, 2016-17 में 3.45 करोड़, 2017-18 में 3.70 करोड़,2018-19 में 3.30 करोड़ व साल 2019-20 में 3.68 करोड़ गांठों की पैदावार रहने की सूचना है। बाजार जानकार सूत्रों की मानें तो चालू नए कपास सीज़न साल 2020-21 में कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम लिमिटेड (सीसीआई) का व्हाइट गोल्ड खरीद पर दबदबा रहने की संभावना जताई जा रही है। सी.सी.आई.ने इस साल देश भर में करीब 1.12 करोड़ गांठों का व्हाइट गोल्ड न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा है। केंद्र सरकार ने नए कपास सीज़न साल 2020-21 के लिए व्हाइट गोल्ड का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5515 और 5825 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।यह एम.एस.पी. व्हाइट गोल्ड की क्वालिटी पर निर्भर करेगा कि उसकी एम.एम.लंबाई क्या है। सूत्रों के अनुसार देश के किसान नए क़ृषि अध्यादेश का जोरदार विरोध कर रहे हैं जिसको विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार मोदी सरकार किसानों को खुश करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है और अब सरकार कपड़ा मंत्रालय के उपक्रम भारतीय कपास निगम लिमिटेड द्वारा किसानों की कैश पेमेंट फ़सल व्हाइट गोल्ड 2 से 2.25 करोड़ गांठ खरीदने की बात बाजार में आई है जिससे सी.सी.आई.का व्हाइट गोल्ड मंडियों पर दबदबा रहेगा क्योंकि कपास जिनिंग कारखाने वाले सी.सी.आई. के बराबर किसानों को व्हाइट गोल्ड का भाव नहीं दे सकते। इसका मुख्य कारण है रुई के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य पर व्हाइट गोल्ड खरीदने से कपास जिनरों को मोटा नुक्सान है। आखिरकार व्यापारी कब तक नुक्सान उठाएगा अधिकतर कपास जिनर कारखानेदार अपनी मिलें सी.सी.आई.को ठेके (बिलाई) पर देंगे जिसके लिए उन्होंने सी.सी.आई.को लिखित रूप में दे दिया है।