चंडीगढ, 4 अप्रैल- हरियाणा में किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने आज गन्ने के बकाया के भुगतान के लिए 169 करोड़ रूपए की राशि जारी कर दी है। यह राशि राज्य की दस चीनी मिलों को जारी की गई है और संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए है कि राज्य के गन्ना फसल के किसानों के बकाया का भुगतान किया जाए ताकि वर्तमान में उत्पन्न हुई स्थिति में उन्हें सहयोग मिल सके।
इस संबंध में जानकारी देते हुए हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि पानीपत की सहकारी चीनी मिल को 15.80 करोड रूपए, रोहतक की सहकारी चीनी मिल को 27.30 करोड़ रूपए, करनाल की सहकारी चीनी मिल को 18.30 करोड़ रूपए, सोनीपत की सहकारी चीनी मिल को 21.10 करोड़ रूपए, शाहाबाद की सहकारी चीनी मिल को 3.70 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार, जींद की सहकारी चीनी मिल को 13.50 करोड़ रूपए, पलवल की सहकारी चीनी मिल को 25.35 करोड़ रूपए, महम की सहकारी चीनी मिल को 17.20 करोड़ रूपए, कैथल की सहकारी चीनी मिल को 19.15 करोड़ रूपए और गोहाना की सहकारी चीनी मिल को 7.60 करोड़ रूपए की राशि जारी की गई है।
सहकारिता मंत्री ने बताया कि गत 31 मार्च, 2020 को किसानों के हितों को देखते हुए राज्य सरकार ने पानीपत, करनाल और फतेहाबाद जिलों के किसानों की सरप्लस गन्ने की फसल को अन्य चीनी मिलों में भेजने का निर्णय लिया ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो। उन्होंने बताया कि पानीपत से गोहाना की सहकारी चीनी मिल को दो लाख क्विंटल गन्ने की फसल भेजी गई है जबकि पानीपत से महम की सहकारी चीनी मिल को तीन लाख क्विंटल गन्ने की फसल भेजी है।
डॉ. बनवारी लाल ने बताया कि इसी प्रकार, पानीपत से भादसों की चीनी मिल को पांच लाख क्विंटल गन्ना भेजा गया है तथा करनाल से नारायणगढ की चीनी मिल को भी पांच लाख क्विंटल गन्ने की सरप्लस पैदावार भिजवाई गई है। उन्होंने बताया कि फतेहाबाद जिला के गांवों से जींद की चीनी मिल को लगभग चार लाख क्विंटल गन्ने की सरप्लस फसल भेजी गई है।
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