-सरकार का हिस्सा हो कर पंजाबी भाषा के बारे में किस को कह रहे हैं सुखबीर बादल?
चण्डीगढ़, 15 सितम्बर 2020 (विश्ववार्ता ):आम आदमी पार्टी (आप) के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान मंगलवार को संसद में कोरोना के मद्देनजर संसद सदस्यों के वेतन और लोक सभा हलकों के विकास के लिए जारी होते एमपीलैड को 2 सालों के लिए बंद करने पर अपनी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई।
मीडिया को जानकारी देते हुए भगवंत मान ने कहा कि हलके के विकास के लिए जारी होते फंडों पर रोक लगाने के फैसले का ‘आप’ ने विरोध किया है।
भगवंत मान ने कहा, ‘‘बेशक हमारा (संसद सदस्यों) का वेतन 30 प्रतिशत काटने की बजाए 60-70 प्रतिशत या पूरा वेतन काट लो, परंतु एम.पी लैड का लोक हितैषी और विकास प्रमुख फंड पर 2 साल की पाबंदी न लगाई जाए। उल्टा इस को बडा कर वार्षिक 25 करोड़ रुपए किया जाए।
सुखबीर सिंह बादल की ओर से संसद में जम्मू कश्मीर में पंजाबी भाषा के साथ हुए पक्षपात का मुद्दा उठाए जाने पर टिप्पणी करते हुए भगवंत मान ने कहा कि पंजाबी भाषा और किसानों के साथ हो रहा भेदभाव बेहद निंदाजनक और चिंताजनक है, परंतु सुखबीर सिंह बादल यह तो स्पष्ट करें कि वह यह मुद्दा उठा किस के समक्ष रहे हैं, जबकि मोदी खुद सरकार का हिस्सा हैं, जो ऐसे भेदभाव कर रहे है?
भगवंत मान ने कहा कि एक कुर्सी के लिए बादलों ने खुद की जमीर बेचने के साथ-साथ पूरे पंजाब और पंजाबियत का मोदी सरकार के पास सौदा कर दिया है।