दिल्ली सरकार के हक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला लोकतंत्र की जीत – आप
सुप्रीम कोर्ट का फैसला मोदी सरकार की तानाशाही पर करारा तमाचा – मलविंदर सिंह कंग
आज पिछले एक दशक से देश और दिल्ली के हक की लड़ाई लड़ रहे अरविंद केजरीवाल की जीत हुई – मलविंदर सिंह कंग
भाजपा सरकार की तानाशाही देश के लिए बेहद खतरनाक – मलविंदर कंग
चंडीगढ़, 12 मई (विश्ववार्ता) दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों को लेकर जारी खींचतान के बीच सुप्रीम कोर्ट द्वारा आप सरकार के पक्ष में फैसला की आम आदमी पार्टी ने तारीफ की और इसे लोकतंत्र की जीत बताया।
वीरवार को पार्टी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित करते हुए ‘आप’ पंजाब के मुख्य प्रवक्ता मलविंदर सिंह कंग ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों में अधिकारियों की नियुक्ति और तबादलों सहित प्रशासनिक अधिकारों पर निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली सरकार को लोकतंत्र की जीत है। उन्होंने कहा कि आज के समय में लोकतंत्र को बचाने की आखिरी उम्मीद सुप्रीम कोर्ट है क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार लगातार दिल्ली सहित देश के सभी राज्यों के अधिकारों को समाप्त कर अपनी तानाशाही स्थापित करने की कोशिश कर रही है। आज के फैसले ने इसे साबित कर दिया है कि सर्वोच्च न्यायालय किसी को भी संविधान की भावना से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं देगा।
कंग ने कहा कि राज्यपाल और उपराज्यपाल के माध्यम से राज्यों की चुनी हुई सरकारों के काम में भाजपा का अनावश्यक हस्तक्षेप और लगातार राज्यों के अधिकारों को सीमित करना और उन्हें कमजोर करना देश के संघीय ढांचे के विपरीत है। भाजपा का यह रवैया किसी भी तरह से देश हित में नहीं है।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार का जिक्र करते हुए कंग ने कहा कि दिल्ली की जनता ने दो बार प्रचंड बहुमत देकर केजरीवाल को अपना नेता चुना, लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने उनके काम में दखल देना जारी रखा और एक अधिसूचना जारी कर अधिकारियों के तबादले का अधिकार छीन लिया। अरविंद केजरीवाल ने पिछले एक दशक से देश और दिल्ली की जनता के अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और आज सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की तानाशाही पर करारा तमाचा लगाया।
कंग ने दिल्ली के लोगों के अधिकारों की लड़ाई में अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने वाले लोगों और सर्वोच्च न्यायालय का धन्यवाद किया और बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि केंद्र यह समझे कि देश में अब तानाशाही नहीं चलेगी। अब लोग संसद से लेकर सड़कों तक इसका विरोध करेंगे।