सरदार सुखबीर सिंह बादल ने पंजाब में परोक्ष रूप में केंद्रीय राज के लिए चन्नी की मिलीभगत के संकेत दिए
कहा कि बताएं कि आपकी अनिर्धारित मीटिंग में शाह के साथ क्या चर्चा हुई : सरदार सुखबीर सिंह बादल
कहा कि कार्रवाई करों यां पद छोड़ों
लोग चाहते हैं कि आप औपचारिक बयानबाजी छोड़कर कार्रवाई करें
चंडीगढ़/13अक्टूबर: शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज केंद्र और पंजाब दोनो सरकारों की निंदा करते हुए इसे ‘‘ परोक्ष रूप में केंद्रीय राज’’ के रूप में वर्णित किया तथा कहा कि मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने पिछले सप्ताह केंद्रीय गृहमंत्री के साथ अचानक और अनिर्धारित मीटिंग में इस ‘‘ अत्यधिक भड़काने वाले तथा खतरनाक’’ कदम के लिए रास्ता साफ कर दिया । सरदार बादल ने कहा क सीएम ‘‘कार्रवाई करें यां पद छोड़ दें’’।
सरदार बादल ने यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि ‘‘ यह सबसे अधिक संभावना नही है कि केंद्र ने राज्य सरकार की जानकारी और पूर्व सहमति के बिना इतना कठोर निर्णय लिया होगा। श्री चन्नी और उनके सहयोगियों द्वारा जो शोर मचाया जा रहा है, वह इस फैसले में उनकी मिलीभगत को छिपाने का महज प्रयास है’’।
यहां बयान जारी करते हुए सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से कहा कि वे राज्य के लोगों को विश्वास में लें कि उनकी सरकार पंजाब में लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं और संघीय सिद्धांत से छेड़छाड़ करने से केंद्र को रोकने के लिए क्या करने का प्रस्ताव करती है। ‘‘ आप विपक्ष नही हैं। आप मुख्यमंत्री श्री चन्नी हैं। आपका कार्य केंद्र के खतरनाक कदम की आलोचना करना नही , उसे रोकना है। आपको लोगों को बताना चाहिए कि वास्तव में आप केंद्र से इस अपमानजनक कदम पर रोक लगाने के लिए क्या करने का प्रस्ताव करते हैं’’।
सरदार बादल ने पंजाब में कांग्रेस पार्टी के नेताओं से कहा कि राज्य सरकार , केंद्र के समक्ष आत्मसमर्पण करने की स्थिति के बारे अपना रूख स्पष्ट करें। ‘‘ कानून और व्यवस्था एक राज्य का विषय है। राज्य सरकार की पूर्व सहमति के बिना राज्य में सेना तैनात करने का कोई संवैधानिक अधिकार नही है। यदि कानून और व्यवस्था केंद्र को सौंप दी जाती है तो मुख्यमंत्री को तुरंत केंद्रीय राज से बचाने के लिए अपनी कार्रवाई क्या होगी को तुरंत लोगों से सांझा करना चाहिए’’।
अकाली दल अध्यक्ष केंद्र के उस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे कि वह पंजाब के आधे हिस्से को बीएसएफ को सौंप दें, जिससे केंद्रीय बलों को सामान्य पुलिस की शक्तियां मिल जाएंगी। ‘‘ पंजाब पुलिस को इन परिस्थितियों में पूरा शक्तिहीन बना दिया गया है। यह एक कठोर निर्णय है और यह असंभव है कि केंद्र , राज्य सरकार को विश्वास में लिए बिना इसे लागू करेगा’’।
सरदार बादल ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की प्रतिक्रिया, जो अभी कांग्रेस पार्टी का हिस्सा हैं, ने स्पष्ट कर दिया है कि यह खेल जितना दिखाई देता है उससे कही ज्यादा गहरा है। ‘‘ मुख्यमंत्री चन्नी, और कांग्रेस के अन्य नेता, जो कभी भी छोटे मुददों पर मीडिया के सामने जाने का अवसर बर्बाद नही करते हैं, वे अपनी असहमति दिखाकर नियमित और औपचारिक बयान जारी कर रहे हैं।