-सत्ता में होते बादलों को क्यों नहीं याद आते संघीय ढांचे, पंथ और पानियों के मुद्दे -‘आप’
-बादल दल द्वारा संघीय ढांचे पर अंतर पार्टी सम्मेलन करवाने के मुद्दे पर ‘आप’ का तंज
चण्डीगढ़, 26 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने अकाली दल बादल की ओर से केंद्र द्वारा ‘प्रदेशों की शक्तियां व अधिकार छीने जाने’ के हवाले से संघीय ढांचे पर अंतर पार्टी सम्मेलन करवाए जाने के ऐलान की खिल्ली उड़ाते हुए कहा कि वाजपाई से लेकर अब तक मोदी सरकार में शरीक रहे बादल संघीय ढांचे और प्रदेशों के अधिकारों के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादल परिवार ने पहले अटल बिहारी वाजपाई की सरकार में सुखबीर सिंह बादल और फिर मोदी सरकार में हरसिमरत कौर बादल की कुर्सी (मंत्री पद) के लिए भाजपा के साथ मिल कर संघीय ढांचे का गला दबाते रहे हैं।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि संघीय ढांचे, पंथ और पंजाब के लिए असूलों-सिद्धांतों की लड़ाई लडऩे वाले शिरोमणी अकाली दल को बादलों के परिवार ने बहुत पहले ही तिलांजली दे दी थी, आज बादल एंड कंपनी सिर्फ और सिर्फ अपने निजी स्वार्थों पर केंद्रित है।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि बादल जब-जब भी प्रदेश या केंद्र की सत्ता में रहे हैं, तब इन (बादलों) को संघीय ढांचे के अंतर्गत पंजाब के अधिकार, पंथ, पंजाब के पानी और पंजाबियत क्यों नहीं याद आई। इस लिए आज सत्ता में बाहर हो कर यह संघीय ढांचे की बात करने का हक नहीं रखते।
चीमा ने कहा कि इस तरह की बातें बादल पंजाब या पंजाबियों को बचाने के लिए नहीं, बल्कि किसी न किसी तरह बादल परिवार की अस्तित्व बचाने के लिए हाथ-पांव मार रहे हैं।