शिरोमणी अकाली दल ने आशु की बर्खास्तगी के साथ विभाग के सीवीसी अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की
कहा कि आशु ने जलालपुर से संबंधित इंस्पेक्टर को आठ गोदामों का प्रभारी बनाने के अलावा सभी मानदंडों के खिलाफ एक दागी अधिकारी को विभाग का सीवीसी बनायाः सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया
चंडीगढ़/13अगस्त: शिरोमणी अकाली दल ने आज खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु को तत्काल बर्खास्त करने के साथ ही अपने मुख्य सर्तकता आयुक्त सहित मंत्री और विभाग के अधिकारियों के भ्रष्ट कामों की सीबीआई जांच की मांग की है।
यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि भारत भूषण आशु हजारों करोड़ रूपये के घोटाले में लिप्त थे। उन्होने कहा कि राज्य के बाहर से गेंहू पंजाब में न्यनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने की अनुमति देन के लिए सीधे तौर पर मंत्री जिम्मेदार थे। उन्होने कहा कि गेंहू राज्य के बाहर से 1000 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से लाया गया तथा 1883 रूपये में बेचा गया। उन्होने कहा कि इसके अलावा पनसप के डीसम ने भी आशु को एक आड़तिया के साथ चैट करने में दोषी पाया था, जो पिछले साल वायरल हुआ था। उन्होने कहा कि चैट में अधिकारी राहुल गांधी के तत्कालीन पंजाब दौरे की व्यवस्था करने के लिए आढ़तियों से कमीशन के साथ साथ पैसे की मांग करते हुए देखा गया था।
सरदार मजीठिया ने कहा कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री भी एक दागी अधिकारी को मुख्य सर्तकता आयुक्त नियुक्त करने के लिए जिम्मेदार है, जिसके परिणामस्वरूप राज्य को सैंकड़ों करोड़ों का नुकसान हुआ है। उन्होने कहा कि अधिकारी – राजेश कुमार सिंगला को विभाग प्रमुख सचिव ने अक्टूबर 2017 में दोषी ठहराया था, जिसे 85 करोड़ रूपये के घोटाले के लिए जिम्मेदार ठहराया था। उन्होने कहा कि प्रमुख सचिव ने राकेश सिंगला को पदानवत करने के आदेश दिए थे और उन पर विभिन्न योजनाओं के तहत केंद्र से प्राप्त स्टाॅक को इधर उधर करने का भी आरोप लगाया था। ‘‘ यह भी कहा गया था कि सिंगला को कनाडा की स्थाई निवास प्राप्त है तथा वह देश के बाहर अवैध धन बाहर भेज सकता था’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि आशु ने न केवल सिंगला को विभाग का सीवीसी नियुक्त किया बल्कि उन्हे 600 करोड़ रूपये के वार्षिक बजट और सभी एजेंसियों के सभी के्रटों का निरीक्षण करने के लिए परिवहन और श्रम का प्रभार भी दिया था।
अकाली नेता ने कहा कि आशु एक विभाग के इंस्पेक्ट जसदेव सिंह, जो घनौर के विधायक मदनलाल जलालपुर के भतीजे थे, द्वारा किए गए घोटाले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थे। उन्होने कहा कि जसदेव को दो के बजाय आठ गोदामों का प्रभारदिया गया था, और 20 करोड़ रूपये के 87 हजार क्विंटल गेंहू का गबन किया था। सरदार मजीठिया ने कहा कि मदन लाल जलालपुर अब दावा कर रहा था कि उनका भतीजा मानसिक रूप से ठीक नही है, लेकिन यह रहस्यमयी है कि कैसे एक मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति ने अपनी संपतियों को बेचा, और अपने परिवार समेत गायब हो गया । ‘‘ यह स्पष्ट है कि जलालपुर इस घोटाले में शामिल है और इस मामले में कुछ भी नही किया जा रहा है, क्योंकि अब उन्हे भी नए प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू का सरंक्षण प्राप्त है’’।
सरदार मजीठिया ने कहा कि आशु का नजदीकी राजदीप सिंह, और खन्ना के विधायक गुरकीरत सिंह कोटली का करीबी विश्वासपात्र था, सब अवैध गतिविधियों में मंत्री के साथ शामिल थे। उन्होने मांग की कि सिद्धू की निकटता के कारण अब जितने भी अधिकारी और मंत्री और माफिया इसमें लिप्त हैं, उन सभी अधिकारियों के कार्यकर्ताओं के साथ साथ उनकी सीबीआई से जांच की जाए।