मुल्तानी अगवा मामला:
पूर्व डीजीपी की पक्की जमानत की जाए रद्द
पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी के खिलाफ सरकार व पुलिस के पास है ठोस सबूत: पंजाब सरकार
सैनी को हिरासत मे लेकर सख्ती से की जाए पूछताछ: पीडित परिवार
चंडीगढ़, 29 अक्तूबर (विश्ववार्ता): आईंएएस अधिकारी के बेटे बलवंत सिंह मुल्तानी के अपहरण और कत्ल मामले मे सुप्रीम कोर्ट मे दोनो पक्षो मे खूब बहस हुई। इस दौरान पंजाब सरकार की तरफ से पेश हुए वकील ने दावा करते हुए कहा कि पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी के खिलाफ सरकार व पंजाब पुलिस के पास ठोस सबूत है लिहाजा सैनी को किसी भी प्रकार की राहत न दी जाए और सैनी की पक्की जमानत को रद्द किया जाए।
वही दूसरी तरफ पीडित परिवार के वकील प्रदीप सिंह विर्क ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मामला है और समूचे मामले की तह तक जाने के लिए पूर्व डीजीपी सुमेध सैनी को हिरासत मे लेकर सख्ती से पूछताछ करनी चाहिए। जिसके बाद ही सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। लिहाजा सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी को पहले दी गई पक्की जमानत को बरकरार रखते हुए मामले की अगली सुनवाई 17 नवंबर तय की है। मिली जानकारी अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने पिछली तारिख पर पंजाब सरकार और शिकायतकर्ता को नोटिस जारी करके 3 सप्ताह मे अपना जबाव दाखिल करने के लिए कहा था पंरतु पंजाब सरकार ने उक्त मामले संबधी आज अपना जबाव दाखिल नही किया बल्कि अदालत से से कुछ और दिनों की मोहलत की मांग की।
ये है पूरा मामला
पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था। यह मामला तब का है जब सुमेध सिंह सैनी चंडीगढ़ के एसएसपी थे। मुल्तानी को सुमेध सिंह सैनी पर चंडीगढ़ में हुए आतंकी हमले के बाद पकड़ा गया था। हमले में सैनी की सुरक्षा में तैनात चार पुलिकर्मी मारे गए थे। आरोप है कि 1991 में सैनी की हत्या के विफल प्रयास के बाद पुलिस ने मुल्तानी को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के बाद बलवंत सिंह को थाने मे टार्चर किया गया है, फिर बताया गया कि बलवंत की गिरफ् से भाग गया। वहीं परिजनों का कहना था कि बलवंत की पुलिस के टॉर्चर से मौत हो गई थी। 2008 में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों पर चंडीगढ़ सीबीआई ने इस मामले में प्रीमिलनरी इंक्वायरी शुरू की जिसके बाद 2008 में सीबीआई ने सैणी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। जिसके बाद पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी, यूटी पुलिस के एक रिटायर्ड एसपी बलदेव सिंह, दिवंगत डीएसपी सतबीर सिंह, रिटायर्ड इंस्पेक्टर हरसहाय, अनोख सिंह, जगीर सिंह और अन्यों के खिलाफ मटौर पुलिस थाने में अपहरण और अन्य धाराओं के तहत 6 मई को मामला दर्ज किया गया था।
जिसके बाद अब नए फैक्ट्स पर पंजाब पुलिस ने पिछले महीने 7 मई को सैणी के खिलाफ आईपीसी की धारा 364 (अपहरण या हत्या के लिए अपहरण), 201 (साक्ष्य मिटाने के कारण), 344 (गलत तरीके से कारावास), 330 और 120बी (आपराधिक साजिश रचना) के तहत केस दर्ज किया था।