अस्पताल, मरीजों और कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित सभी लोगों के लिए सरकार पैसे जारी करे: डॉ. दलजीत सिंह चीमा
चंडीगढ़ 23 जुलाई (विश्ववार्ता):शिरोमणी अकाली दल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा है कि वे पंजाबियों को बताएं कि कांग्रेस सरकार अस्पतालों, मरीजों के साथ साथ कोविड-19 महामारी से प्रभावित लोगों की सहायता करने के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से जमा पैसा क्यों जारी नही कर रही है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए पार्टी प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत एक निजी बैंक में 64 करोड़ रूपये से अधिक जमा किए थे, लेकिन महामारी से पीड़ित लोगों के लिए इस पैसे का उपयोग नही किया जा रहा था। ‘ रिपोर्ट के अनुसार बैंक में रोजमर्रा के आधार पर अधिक धन जमा किया जा रहा है लेकिन बहुत लंबे समय पहले 2.28 करोड़ रूपये दो बार जारी करने के अलावा किसी भी अन्य तरह का पैसा जारी नही किया गया है।
अकाली दल प्रवक्ता ने कहा कि कॉर्पोरेट घरानों, व्यवसायियों, सरकारी कर्मचारियों के साथ साथ आम नागरिकों ने इस खतरनाक महामारी के दौरान पंजाबियों की मदद करने की अपील के बाद मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया था। उन्होने कहा कि 2.35 करोड़ रूपये के दो जारी फंड नांदेड़ में फंसी सिख संगत की स्वदेश वापसी, तामिलनाडु और राजस्थान में फंसे नागरिकों और छात्रों के साथ साथ पुलिस अधिकारी अनिल कोहली के परिवार को 35लाख रूपये देने के अलावा फंड में से कोई पैसा जारी नही किया गया।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि यह बेहद चौंकाने वाली बात है कि कांग्रेस सरकार ने अस्पतालों में डॉक्टरों, वेंटिलेटर यां अन्य बुनियादी ढ़ांचे के लिए सुरक्षा उपकरणों के लिए पैसा जारी करना उपयुक्त नही समझा। उन्होने कहा कि इसी तरह सरकार ने निजी अस्पतालों में मोटी रकम देने के लिए मजबूर किए जा रहे कोविड-19 मरीजों को चिकित्सा उपचार देना भी उचित नही समझा।सरकार ने राज्य से प्रवासी मजदूरों को जाने से रोकने के साथ साथ मजदूरों के साथ साथ उन कुशल कामगारों को मुआवजा देने के लिए भी इस कोष से धन खर्च नही किया, जिन्होने लॉकडाउन के दौरान अपनी आजीविका खो दी। इस पैसे का उपयोग निजी स्कूलों के उन बच्चों की ट्यूशन और एडमिशन शुल्क देने के लिए भी किया जा सकता है जिनके माता-पिता की आय लॉकडाउन के दौरान प्रभावित हुई है।
अकाली नेता ने कहा कि कांग्रेस सरकार का कठोर रवैया अमानवीय होने की चर्म सीमा पर है। उन्होने कहा कि लॉकडाउन अवधि के दौरान राज्य ने एसजीपीसी सहित सामाजिक संगठनों पर भरोसा जताते हुए अस्पताल स्टाफ और मरीजों को खाना सप्लाई करने को कहा और इस जरूरी सेवा के लिए फंड से पैसा जारी करना भी उचित नही समझा। उन्होने कहा कि राहत कार्य के लिए फंड में मिलने वाला पैसा तत्काल जारी किया जाए।