-धर्मसोत को बचा कर लाखों दलित बच्चों के साथ दोहरा धोखा कर रहा है राजा – हरपाल सिंह चीमा
🏿-खेती विरोधी बिलों और धर्मसोत के मुद्दे पर ‘आप’ ने बोला सिसवां फार्म हाऊस पर हल्ला
मोहाली /चण्डीगढ़, 8 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा के नेतृत्व में ‘आप’ विधायकों और नेताओं ने वीरवार को मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के फार्म हाऊस पर हल्ला बोला, परंतु भारी नाकाबंदी के कारण पंजाब पुलिस ने सभी ‘आप’ नेताओं को सिसवां टी-पुआइंट नजदीक रोक लिया गया। जहां पहले सभी ‘आप’ नेता धरने पर बैठ गए, फिर नाका तोड़ कर जाने की कोशिश के दौरान स्थानीय एसडीएम की मौजूदगी में हरपाल सिंह चीमा समेत ‘आप’ नेताओं को जोर ज़बरदस्ती उठा कर पास के मुल्लांपुर थाने में ले गए। वहीं मीडिया को चकमा देने के लिए हिरासत में लिए ‘आप’ नेताओं को खरड़ थाने ले जाया गया। जहां करीब एक घंटा रखने के उपरांत रिहा कर दिया गया, हिरासत में लिए ‘आप ’ नेताओं में प्रिसिपल बुद्ध राम, कुलतार सिंह संधवां, प्रो. बलजिन्दर कौर, मास्टर बलदेव सिंह जैतों, मनजीत सिंह बिलासपुर, सरबजीत कौर माणूंके, कुलवंत सिंह पंडोरी, मीत हेयर, रुपिन्दर कौर रूबी (सभी विधायक), प्रदेश महासचिव हरचंद सिंह बरसट और वालंटियर शामिल थे।
इस से पहले सिसवां नाके पर घेराबन्दी के दौरान मीडिया के साथ बातचीत करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि देश के तानाशाह प्रधान मंत्री नरिन्दर मोदी की तरह मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह में भी हिटलर की रूह प्रवेश कर चुकी है, जो किसी भी की प्रवाह ही नहीं कर रहा।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा दलित विद्यार्थियों की पोस्ट मैट्रिक वजीफा (स्कालरशिप) योजना में 64 करोड़ रुपए का घोटाला करने वाले भ्रष्ट मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को क्लीन चिट्ट दे कर अमरिन्दर सिंह ने लाखों दलित विद्यार्थियों के साथ धोखा किया है। चीमा ने दोष लगाया कि दलित बच्चों के पैसो का मोटा हिस्सा राजा के इस शाही फार्म हाऊस पर पहुंचा है, इस लिए वह सो रही जमीर को जगाने के लिए यहां पहुंचे हैं जिससे धर्मसोत को तुरंत बर्खास्त करके ग्रिफतार किया जाए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि सत्ता के नशे में अंधे हुए मुख्य मंत्री को न किसानों की आवाज सुन रही है न लोगों की फिक्र है।
चीमा ने खेती बिलों के बारे में विधान सभा का विशेष अधिवेशन बुलाने की मांग करते कहा कि इस से पहले सभी किसान जत्थेबंदियों के नुमाइंदों और खेती माहिरों समेत इस संघर्ष में शामिल सभी दल और प्रमुख राजनैतिक दलों की सांझी और लम्बी (मैराथन) बैठक बुलाई जाए।
चीमा ने दोष लगाया कि मोदी के दबाव और कोरोना की आड़ में मुख्यमंत्री जहां किसानी संघर्ष को तारपीडो करने की कोशिश कर रहा है, वहीं धर्मसोत जैसे चोरों को बचाव कर माफिया राज को मजबूत कर रहा है।