बुजुर्गों,विकलांगों तथा विधवाओं को परेशान करने की बजाए सीधे बैंक खातों में हो पेंशन का भुगतान- अमन अरोड़ा
-आप ने भलाई पेंशन राशि का चेक से भुगतान करने का किया विरोध
-सरकारी तथा सहकारी बैंकों से पेंशन राशि बांटने की वकालत की
चंडीगढ़,10 अगस्त ; आम आदमी पार्टी ने प्रदेश सरकार की ओर से भलाई स्कीमों के तहत बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लाभार्थियों को दी जाने वाली मासिक पेंशन चेक के माध्यम से देने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। मंगलवार को पर्टी दफ्तर से बायान जारी करते हुए पार्टी के सीनियर लीडर व विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि पंजाब सरकार के चेक के माध्यम से पेंशन बांटने के फैसले से बुजुर्गों, विकलांगों, विधवाओं और बेसहारा लाभार्थियों के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग या विकलांग जो पहले ही चलने फिरने में असमर्थ हैं,उन्हें चेक लेने के लिए सरकारी कार्यालयों और पंच-सरपंचों के पास जाना होगा और फिर चेक कैश कराने के लिए बैंकों के बाहर घंटों कतार पर लगना पड़ेगा। इतना ही नहीं विभाग में स्टाफ की कमी और काम के बोझ से 26 लाख पेंशनभोगियों को चेक जारी करने में भी देरी होगी।
आप नेता ने कहा कि इस तरह के प्रयोग अतीत में बुरी तरह विफल रहे हैं, इसलिए सरकार को चेक द्वारा पेंशन देने के अपने फैसले को तुरंत रद्द करना चाहिए, क्योंकि बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं पर इस तरह के घातक फैसले थोपना किसी भी सरकार को शोभा नहीं देता। उन्होंने कहा सरकार की लोगों के साथ हो रही नाइंसाफी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार की मंशा लाभार्थियों के हित में होती तो बढ़ी हुई पेंशन का प्रावधान पिछले जुलाई में ही किया जाता लेकिन सरकार की मंशा वोट बटोरने तक ही सीमित है।
उन्होंने आगे कहा कि चुनावी वर्ष में इस तरह के फैसले सीधे तौर पर राजनीति से प्रेरित हैं और सत्ताधारी कांग्रेस अपने पंच-सरपंचों और पार्षदों के माध्यम से आश्रित वर्ग पर दबाव बनाने के लिए इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली अकाली-भाजपा सरकार भी बुजुर्गों, विकलांगों और विधवाओं के साथ इस तरह के सियासी पैंतरे खेलती आई है।
अरोड़ा ने कहा कि कांग्रेस सरकार, जिसने साढ़े चार साल में वादे के मुताबिक 2,500 रुपये प्रति माह का भुगतान नहीं किया, उसे पेंशन लाभार्थियों को परेशान करने का कोई अधिकार नहीं है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को सरकारी और उसके सहकारी बैंकों के माध्यम से पैसा ट्रांसफर करना चाहिए और कल्याणकारी योजनाओं के लिए फंड जारी करना चाहिए।