कहा कि मुख्यमंत्री कृषि अध्यादेश तैयार करने वाली पार्टी के तौर पर किसानों से माफी मांगे
कहा कि शिरोमणी अकाली दल तब तक आराम से नही बैठेगा जब तक अन्नदाता को न्याय नही मिल जाता
चंडीगढ़/22सिंतबर (विश्ववार्ता ):शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि वे 2017 के संशोधित राज्य कृषि उत्पाद बाजार कमेटी(एपीएमसी) अधिनियम को रदद करने के लिए तत्काल विशेष विधानसभा का सैशन बुलाएं, जिसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री द्वारा मगरमच्छ के आंसू बहाकर किसानों को मुर्ख नही बनाने की कोशिश नही करनी चाहिए जबकि वह पंजाब के इसी कानून के लेखक वह स्वयं हैं तथा वे अपने किसान विरोधी अधिनियम के साथ खड़े हैं।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री किसानों के साथ चलकर उनके विरूद्ध अधिनियम लागू नही करना चाहिए था तथा कहा कि वे किसानों और पंजाब के खेत मजदूरों को बताएं कि राज्य एपीएमसी अधिनियम 2017 को रदद करने से इंकार क्यों कर रहे हैं जिसे मुख्यमंत्री के रूप में उन्होने अपने ही राज्य में लागू किया है।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने मुख्यमंत्री से यह भी पूछा कि क्या वह 2019 के कांग्रेस के घोषणा पत्र से खुद को अलग करने का नैतिक साहस दिखा सकते हैं जिसमें एपीएमसी एक्ट को हटाने का निर्णय लिया गया है। उन्होने मुख्यमंत्री से यह भी कहा कि वे मोंटेक सिंह आहलूवालिया समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए कृषि क्षेत्र के निगमीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों से माफी मांगे जिसमें खाद्यान्न की खरीद को कम करने को कहा गया है। उन्होने मुख्यमंत्री से कमेटी को अस्वीकार करने को कहा जिसमें पंजाब के किसानों के लिए डेथ वारंट लिखा गया है।
सरदार बादल ने कहा कि यह पहला अवसर नही है जब मुख्यमंत्री ने लोगों की पीठ में छूरा घोपा हो। उन्होने पहले भी पवित्र गुटका साहिब और दशम पिता के नाम पर झूठे वादे किए हैं। अब भी वह किसानों को धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं। लोगों के सामने सच्चाई बताते हुए सरदार बादल ने कहा कि 2017 में राज्य एपीएमसी अधिनियम में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार है ताकि निजी यार्ड, ई-ट्रेडिंग और डायरेक्ट मंडीकरण की अनुमति दी जा सके।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि विशेष विधानसभा सैशन में कृषि अध्यादेशों को तैयार करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर भी चर्चा होनी चाहिए जो हाल ही में विधेयक बने हैं। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री उस उच्चाधिकार प्राप्त समिति के सदस्य थे जिसने अध्यादेशों को तैयार किया और यहां तक कि वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल को मुंबई में कमेटी की मीटिंग मंे भाग लेने के लिए भेजा। उन्होने कहा कि बाद में कांग्रेस सरकार ने अध्यादेशों पर सहमत होते हुए केंद्र को एक नोट भेजा। किसान जानना चाहते हैं कि मुख्यमंत्री ने इस पूरी कवायद को गुप्त क्यों रखा और उन्होने ऐसा फैसला लेने से पहले किसानों से कोई मंजूरी क्यों नही ली जिससे भावी पीढ़ियां तबाह हो जाएंगी।
कैप्टन अमरिंदर सिंह से किसानों की भलाई के बारे में बोलने की कोशिश करने से पहले पार्टी के 2019 चुनावी घोषणा पत्र की प्रतियां जलाने के लिए कहा। सरदार बादल ने कहा कि जहां तक शिरोमणी अकाली दल का सवाल है यह तो किसानों की पार्टी है। किसान हमारी पार्टी का जीवन रक्त हैं। हम यह सुनिश्चित करने के लिए वचनबद्ध हैं कि उनके साथ कोई अन्याय न हो। हम केंद्र सरकार से तीन कृषि विधेयकों को रदद करने के लिए मजबूर करने के लिए कई कार्यक्रम शुरू कर रहे हैं। हम किसानों की भलाई के लिए लड़ाई तब तक जारी रखेंगे जब तक सभी किसान संतुष्ट न हो जाएं कि उनके अधिकार सुरक्षित हैं। हम तब तक आराम से नही बैठेंगे जब तक अन्नदाता को न्याय मिलना सुनिश्चित नही हो जाता है।