कांग्रेस किसानों से छल व कपट कर रही है – तरूण चुघ
तीनों विधेयक किसानों की तकदीर व तसवीर बदलेगें व खेती फायदे का काम बनेगी – तरूण चुघ
चण्डीगढ,17 सिंतबर (विश्ववार्ता):भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मन्त्री तरूण चुघ ने बयान जारी करते हुए कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किसानों के लिए लाये गए तीन विधेयकों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए इसका विरोध करने वाली कांग्रेस पर जम कर प्रहार किया और पंजाब के मुख्यमन्त्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह केवल विरोध के लिए विरोध किसानों को गुमराह कर रहे है। 9 जनवरी 2017 को पूर्व प्रधानमन्त्री श्री मनमोहन सिंह व कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा जारी घोष्णा पत्र में 90 हजार करोड के किसानी कर्जा माफ का फायदा किया था। 20 हजार प्रति ऐकट किसान को मुआवजा व । APMC ऐकट में बदल का वायदा किया था खुद से कर्जा माफ नही हुआ ,मुआवजा बांटा नही गया और अब बेवजह व झुठी वाहवाही लुटने का षड्यंत्र बना कर किसानों को गुमराह किया जा रहा है क्या कैप्टन साहब अपने पंजाब के घोषणा पत्र के पेज न.36 में अपने । APMC Act में किसानों को फसल बेचने व रखने की आजादी की बात नही की थी आप नही कर पाए हमने किसानों को पावर दी है अब आप विरोध क्या कर रहे है।
चुघ ने कहा कि एमेंडमेंट ऑफ एसेंशियल कोमोडिटीज, द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स, द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस, ये तीनों विधेयक किसानों के लिए समर्पित हैं। ये विधेयक किसानों की तस्वीर और तकदीर बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
चुघ ने कहा कि ‘एसेंशियल कोमोडिटीज’ एक्ट 1955 में आया था और चूंकि उस वक्त फूड ग्रेन्स की शॉर्टेज रहा करती थी, इसलिए इस को ध्यान में रखते हुए यह एक्ट लाया गया था। अब चाहे गेहूं हो, धान हो या दाल हो, इन सबके उत्पादन में कई गुना वृद्धि हुई है और अब खाद्यानों की शॉर्टेज नहीं है, इसलिए इसे डीरेगुलेट करते हुए इसमें एमेंडमेंट कर ‘एमेंडमेंट ऑफ एसेंशियल कोमोडिटीज’ लाया गया है ताकि अकाल, युद्ध, आपदा और बाढ़ जैसी स्थिति में इसका बेहतर इस्तेमाल हो सके।
चुघ ने कहा कि यदि आप केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ रुपये के ‘आत्मनिर्भर भारत’ पैकेज को भी देखेंगे तो पता चलेगा कि यह हर वर्ग को एड्रेस करता है। इसमें भी किसान के उत्पादों को बढ़ाना, उसका वैल्यू एडिशन करना, बाजार का सरलीकरण करते हुए किसानों को सही दाम मिल सके, इसकी व्यवस्था करना और इस सेक्टर में निवेश के लिए प्राइवेट सेक्टर को भी प्रोत्साहित करना जैसी व्यवस्थाएं किये जाने का प्रावधान है। इसके लिए कृषिगत सुधार और इन्फ्रा पर एक लाख करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
चुघ ने कहा कि ‘द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स’ विधेयक किसानों को सुविधा देने का प्रयास है ताकि किसान आसानी से अपना उत्पाद बेच सके। वर्तमान में किसानों की ऊपज को अनाज मंडी के माध्यम से ही बेचा जा सकता है।
चुघ ने कहा कि ‘द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस’ विधेयक कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग की सभी बाधाओं को दूर करते हुए एक मॉडल एग्रीमेंट का फ्रेमवर्क डेवलप करेगा। कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में हमेशा एक खतरा होता था कि जो किसान की जमीन पर कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के लिए आया है, वही जमीन का कहीं मालिक न बन जाय पर, इस नए विधेयक के अनुसार इसमें किसान और कॉन्ट्रैक्ट फार्मर के बीच एक लिखित और मॉडल अग्रीमेंट बनेगा जो उत्पाद पर आधारित होगा, जमीन पर नहीं। यह एग्रीमेंट रीजनल भाषा में भी होगा।
कांग्रेस पर हमला करते हुए चुघ ने कहा कि द फार्मर्स प्रोड्यूस ट्रेड एंड कॉमर्स, द फार्मर्स (एम्पावर एंड प्रोटेक्शन) अग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस विधेयक किसानों की भलाई के लिए हैं लेकिन कांग्रेस सदन में इसका विरोध कर रही है, यह कांग्रेस के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। हर चीज में राजनीति करना कांग्रेस की आदत बन चुकी है, उसे सिवाय राजनीति के कुछ आता ही नहीं। यह वही कांग्रेस है जिसने अपनी यूपीए सरकार के दौरान 2013-14 में अपनी राज्य सरकारों कर्नाटक, असम, मेघालय, हिमाचल और हरियाणा में फ्रूट और वेजिटेबल्स को एपीएमसी से डिनोटिफाई कराया था।
चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों के लिए जरूरी हर मुद्दे का समाधान करते हुए पूरा का पूरा इम्प्लीमेंट किया है। कांग्रेस एक ओर तो कृषि सुधारों के बिंदुओं को अपने चुनावी घोषणापत्र में रखती है, वहीं दूसरी ओर संसद में उसी सुधारों का विरोध करती है, किसानों को बरगलाती है, झूठ बोलती है और देश को गुमराह करती है।
चुघ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी सदैव किसानों के लिए समर्पित रहे हैं। इन तीनों विधेयकों के माध्यम से किसानों को आजाद हवा मिल सकेगी। ये तीनों बिल कई मायनों में क्रांतिकारी हैं जिससे किसानों की तस्वीर और तकदीर, दोनों बदलेगी। संसद में इन विधेयकों के विरोध से कांग्रेस का झूठा चेहरा एक बार फिर उजागर हो गया है।