– कुछ दिन पहले तक शिरोमणि अकाली दल इन किसान विरोधी बिलों का समर्थन कर रहा था और आज वे मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं- भगवंत मान
– पंजाब में कांग्रेस के मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री, दोनों ने ही पहले इन किसान विरोधी बिलों का समर्थन किया- भगवंत मान
🏻- किसान विरोधी बिलों को तब रोका जाना चाहिए था, जब ये शुरूआती चरण में थे, तब इन बिलों को संसद तक पहुंचने ही नहीं देते- भगवंत मान
🏼- केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को उस दिन इस्तीफा देना चाहिए था, जब केंद्रीय कैबिनेट में यह बिल आया था और वो मौजूद थी, तब उन्हें वॉकआउट करना था, लेकिन उस दिन उन्होंने सहमति दे दी- भगवंत मान
🏽- एमएसपी बिल के जरिए शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस का असली चेहरा किसानों के सामने बेनकाब हुआ- जरनैल सिंह
🏾- ‘आप’ संसद के अंदर और बाहर अपना विरोध जारी रखेगी और लोगों को बताएगी कि शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस दोनों किसान विरोधी हैं- जरनैल सिंह
🏿- लोकसभा में बीजेपी का बहुत है, वहां बिल पास हो जाएगा, लेकिन राज्यसभा में बहुमत नहीं है, यदि सभी विपक्षी पार्टियां एकमत में विरोध करें, तो बिल फंस सकता है- भगवंत मान
– यह बिल अन्नदाता को भिखारी बनाने और पूंजीपतियों को लूटने का लाइसेंस देने वाला है, किसान अपनी धरती मां को बचाने के लिए सडक़ों पर प्रदर्शन कर रहे, ‘आप’ किसानों के साथ- भगवंत मान
चंडीगढ़ / नई दिल्ली, 17 सितंबर, 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और बादलों को गिरगिट की तरह रंग बदले वाले अवसरवादी बताते हुए कहा कि ‘आप’ और किसानों के विरोध के बाद शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस ने एमएसपी अध्यादेश पर यू-टर्न ले लिया है, यह हमारी जीत है।
मान पार्टी मुख्यालय में पंजाब के प्रभारी और विधायक जरनैल सिंह के साथ मीडिया के रूबरू थे। भगवंत मान ने कहा कि कुछ दिन पहले तक शिरोमणि अकाली दल इन किसान विरोधी बिलों का समर्थन कर रहा था और आज वे मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस के सीएम और वित्त मंत्री, दोनों ने पहले इन बिलों का समर्थन किया था। उन्हें इन किसान विरोधी बिलों को तब रोकना चाहिए था, जब ये शुरूआती चरण में थे और तब इन बिलों को संसद तक पहुंचने ही नहीं देना चाहिए था। भगवंत मान ने कहा कि केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर को उस दिन इस्तीफा देना चाहिए था, जब केंद्रीय कैबिनेट में यह बिल आया था और वो मौजूद थी, तब उन्हें वॉकआउट करना था, लेकिन उस समय उन्होंने सहमति दे दी। वहीं जरनैल सिंह ने कहा कि कृषि अध्यादेशों से बादल दल और कांग्रेस का असली चेहरा किसानों के सामने बेनकाब हो गया है। हम संसद के अंदर और बाहर अपना विरोध जारी रखेंगे और लोगों को बताएंगे कि बादल और कांग्रेस दोनों किसान विरोधी हैं। जरनैल सिंह के अनुसार यह अध्यादेश कांग्रेस का ही बोया हुआ बीज है, जिसका खामियाजा पूरे देश के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
‘आप’ नेताओं ने कहा कि सबने देखा है कि चाहे अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल हों या प्रकाश सिंह बादल हों या केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल हों, किस तरह से पिछले कई महीनों से इस एमएसपी अध्यादेश की वकालत करते रहे हैं कि यह अध्यादेश किसानों के हित में है और जब किसानों का दबाव इन लोगों पर पड़ा, किसानों ने इस बात का ऐलान कर दिया कि जो इस अध्यादेश के हक में है वह किसानों के खिलाफ है, तो किस तरह से अकाली दल के नेताओं ने गिरगिट की तरह रंग बदला है, यह साफ तौर पर देखा जा सकता है।
कांग्रेस पर मौकाप्रस्ती का आरोप लगाते हुए ‘आप’ नेताओं ने कहा कि इन अध्यादेश के लिए चर्चा करने के लिए जो हाई पॉवर कमेटी बनाई गई थी, उस हाई पावर कमेटी में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह खुद शामिल थे और इस अध्यादेश पर अपनी सहमति दी थी। साथ ही साथ वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल जो खुद जाकर इस अध्यादेश की सिफारिश करके आए थे। इन लोगों के भी असली चेहरे जनता के सामने खुल कर आ चुके हैं।
भगवंत मान ने बताया कि पिछले दो-तीन महीनों से लगातार बादल परिवार पंजाब के किसानों को इस अध्यादेश पर सहमति जताने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे थे। कभी नरेंद्र सिंह तोमर को चंडीगढ़ बुलाया, कभी उनकी चि_ी दिखाई, कभी प्रकाश सिंह बादल से कहलवाया गया कि यह बिल बहुत अच्छा है, किसानों की भलाई के लिए, यह बिल आना चाहिए, कभी हरसिमरत कौर जी ने वीडियो जारी करके कहा कि विरोधी पार्टियां भ्रम फैला रही हैं, यह बिल किसानों के हित का है। जब किसानों ने इसका विरोध किया और बादल परिवार को जमीनी हकीकत पता चली तो गिरगिट को भी शर्मिंदा करने वाला यू-टर्न बादल परिवार और अकाली दल ने लिया। उन्होंने बताया कि सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में यह कहा था, कि हमसे तो इस बिल के बारे में पूछा ही नहीं गया, जबकि पिछले 3 महीने से पूरा अकाली दल और बादल परिवार किसानों को तरह-तरह के हथकंडे से इस अध्यादेश पर सहमत करने के लिए जद्दोजहद कर रहा था। भगवंत मान ने पत्रकारों को बताया कि अभी कुछ दिन पहले ही प्रकाश सिंह बादल जी कह रहे थे, कि इस अध्यादेश से एमएसपी को कोई खतरा नहीं है और आज सुखबीर सिंह बादल कह रहे हैं की इस अध्यादेश के आने से एमएसपी बर्बाद हो जाएगा, खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं बादल परिवार से आग्रह करना चाहता हूं कि कम से कम झूठ बोलते समय तो आपस में सलाह मशवरा कर लिया करो।
भगवंत मान ने कहा कि बादलों विशेषकर कैबिनेट बैठक से हरसिमरत कौर बादल को जब बिल का विरोध करना था, तब अकाली दल ने अध्यादेश का समर्थन किया और अब किसान सडक़ पर उतर आए, तो इस्तीफा देने का ढोंग कर रहे हैं।
मान ने कहा कि कांग्रेस दो कश्तियों में सवार, सदन में अध्यादेश का समर्थन कर रही और जनता के सामने विरोध का झूठा नाटक कर रही है।
मान ने अमरिंदर सिंह को सबसे बड़ा झूठा, छलकपटी ‘राजा’ बताते हुए कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद न किसानों का कर्जा माफ हुआ, न किसी को नौकरी मिली और न किसानों की आत्महत्याएं रुकी हैं।
भगवंत मान ने कहा कि आज जब सदन के पटल पर यह बिल रखा जाएगा तो एक बार फिर अकाली दल और कांग्रेस द्वारा घडिय़ाली आंसू बहाए जाएंगे, झूठा विरोध करने का ढोंग किया जाएगा।
आम आदमी पार्टी पहले भी किसानों के साथ खड़ी थी, आज भी सदन के अंदर और बाहर सडक़ों पर किसानों के साथ खड़ी है और आगे भी मेशा किसानों के साथ खड़ी रहेगी।
भगवंत मान ने कहा कि यह दोनों पार्टियां एक ही जैसी है, अंदर से कुछ और तथा बाहर से कुछ और। उन्होंने कहा क्योंकि केंद्र सरकार के पास लोकसभा में बहुमत है, तो लोकसभा में यह प्रस्ताव पास होना ही है। परंतु यदि सही मायने में अकाली दल और कांग्रेस किसानों की हितेषी हैं तो मिलकर राज्यसभा में इस बिल का विरोध करें। क्योंकि राज्यसभा में केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो राज्यसभा में इस बिल को रोका जा सकता है।