केंद्रीय मंत्री ने शिरोमणी अकाली दल के प्रतिनिधिमंडल को अनुसूचित जाति के छात्रों को वितरित करने के लिए पंजाब भेजे गए पूरे 1056 करोड़ रूपये का ऑडिट कराने का आश्वासन भी दिया
प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री को बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री, दागी मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को बचाने का प्रयास कर रहे हैं
चंडीगढ़/01सितंबर (विश्ववार्ता): सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्रालय अनुसूचित जाति घोटाले की जांच के लिए मुख्य सचिव यां यहां तक कि वरिष्ठ रैंक के एक अधिकारी को तैनात करेगा और दलित छात्रों को स्कॉलरशिप के रूप में वितरित करने के लिए पंजाब सरकार को भेजे गए 1056 करोड़ रूपये का ऑडिट कराने का आश्वासन दिया है।
सामाजिक न्याय और आधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत को मेमोरेंडम सौंपने के बाद इसका खुलासा करते हुए वरिष्ठ सांसद नेताओं व विधायकों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मंत्री ने उन्हे यह सुनने के बाद आश्वासन दिया है कि वह पंजाब सरकार ने घोटाले की जांच राज्य के मुख्य सचिव को सौंपी थी। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि मंत्री ने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश पर विचार करने का आश्वासन दिया । प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव की रिपोर्ट भी सौंपी जिसमें अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री साधु सिंह धर्मसोत पर अन्य अनियमितताओं के अलावा 63 करोड़ रूपये के घोटाले का आरोप लगाया गया है। इस अवसर पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सोम प्रकाश भी उपस्थित थे।
पूर्व मंत्री व पार्टी एस.सी विंग के अध्यक्ष गुलजार सिंह रणीके के नेतृत्व में अकाली दल प्रतिनिधिमंडल में सोहन सिंह थंदल, पवन कुमार टीनू, डॉ. सुखविंदर कुमार तथा बलदेव खैहरा ने स्पष्ट रूप से कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से इस घोटाले की स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की उम्मीद नही की जा सकती। उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री दागी मंत्री को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने यह भी जानकारी दी मुख्यमंत्री ने पहले ही धर्मसोत को क्लीन चिट दे दी थी जो उनका जी-हजूरी करने वाला है ,जोकि पटियाला जिले से ताल्लूक रखता है, यह कहते हुए कि उसके द्वारा कोई अनियमितताएं नही की गई थी। उन्होने कहा कि इससे मुख्य सचिव की रिपोर्ट को गलत बताकर पूरे अफसरशाह का मनोबल गिरा है, जिससे उनके विभागों में भ्रष्टाचार की रिपोर्ट न करने का स्पष्ट संकेत दिया गया था।
श्री पवन कुमार टीनू ने मंत्री को बताया कि मुख्यमंत्री मुख्य सचिव की रिपोर्ट को गलत कहकर अतिरिक्त मुख्य सचिव की आवाज को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होने कहा कि पंजाब सरकार दलित छात्रों को उनके अधिकारों से वंचित करने के लिए काम कर रही है तथा वर्तमान व्यवस्था के तहत एस.सी स्कॉलरशिप के पारदर्शी होने की कोई उम्मीद नही है। ‘ इसीलिए हमने मंत्री से अनुरोध किया है कि वे 309 करोड़ रूपये की अनुसूचित जाति स्कॉलरशिप फंड सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र बनाएं ताकि दस महीने से जो सरकार के पास पड़े थे उन्हे जल्द से जल्द वास्तविक लाभार्थियों को वितरित किया जा सके।
यह बताते हुए कि कंद्रीय मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने पहले सामाजिक न्याय मंत्री के पास इस मुददे को उठाया था और आज की कार्रवाई का नेतृत्व किया था, प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि घोटाले का पता अतिरिक्त मुख्य सचिव को लगा है। उन्होने कहा कि मंत्री पर 39 करोड़ रूपये की हेराफेरी का आरोप लगाया गया था जिसके लिए निजी शिक्षण संस्थानों को 24 करोड़ रूपये वितरित करने के अलावा कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नही मिला था, जिनके खिलाफ सरकार ने वसूली का आदेश दिया था।
शिरोमणी अकाली दल नेताओं ने मंत्री को बताया कि धर्मसोत को इन बुरे कामों पर रोका नही किया था। वह गर्व से दावा कर रहे हैं कि उन्होने दस महीने से दलित छात्रों के लिए केंद्र से प्राप्त 309 करोड़ रूपये वितरित नही किए हैं। इससे अनुसूचित जाति के छात्रों को लंबे समय से परेशानी उठानी पड़ रही है, तथा उनमें से हजारों शिक्षण संस्थाओं द्वारा डिग्रीयां नही दी गई हैं क्योंकि स्कॉलरशिप फंड राज्य सरकार द्वारा जमा नही करवाया गया था। प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि थावर चंद गहलोत ने उन्हे आश्वासन दिया कि उनके सभी मामलों का समाधान किया जाएगा।