आपसी समझौते के अंतर्गत बादलों को मुख्य विरोधी पक्ष के तौर पर उभारने की भद्दी कोशिश कर रहे हैं ‘राजा साहिब’
पूछा, कोरोना में धरने के ड्रामे कर रहे बादलें पर क्यूं नहीं दर्ज होते केस?
बठिंडा, 14 अगस्त 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह पर गंभीर इल्जाम लगाते हुए कहा कि बारी बांध कर राज करने के आपसी समझौते के अंतर्गत ‘राजा साहिब’ का अब यही जोर लगा हुआ कि राजनैतिक जमीन खो चुके बादलों (सुखबीर सिंह बादल -बिक्रम सिंह मजीठिया) को 2022 के चुनाव से पहले मुख्य विरोधी पक्ष के तौर पर कैसे उभारा जाए?
शुक्रवार को पार्टी के स्थानीय नेताओं के साथ भगवंत मान यहां मीडिया के रूबरू थे। भगवंत मान ने मुख्यमंत्री को पूछा कि कोरोना महामारी के दौरान केंद्र और प्रदेश सरकारों की लोक-विरोधी नीतियां और गैर जिम्मेवारना रवैये के विरुद्ध जब आम आदमी पार्टी किसान-मजदूर जत्थेबंदियां और बेरोजगारों समेत अन्य संगठनों की तरफ से रोष प्रदर्शन या धरने लगाए जाते हैं तो कोरोना दिशा-निर्देशों (डिसास्टर मैनेजमेंट) के नाम तले पुलिस केस कर दिए जाते हैं।
मान मुताबिक सिर्फ ‘आप’ नेताओं वलंटियरों और समर्थकों पर अब तक 300 से अधिक मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। जबकि किसान यूनियन और मजदूर जत्थेबंदियों पर अब तक दर्ज किए मामलों की संख्या 1000 से अधिक है।
भगवंत मान ने सवाल उठाया कि बेअदबी के आरोपों में घिरे और पंजाब में ‘माफिया राज’ की जड़ लगाने वाले सुखबीर सिंह बादल ‘शराब माफिया’ के विरुद्ध धरने के ड्रामे कर रहे हैं। कोरोना दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, परंतु उन पर कोई मुकदमा दर्ज करने की बजाए उनको असिद्धे ढंग के साथ पुलिस और प्रशासन से सहायता मुहैया करवाई जा रही है।
भगवंत मान ने कहा कि कांग्रेसी नेता प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह दूलो भी तो ‘महाराजा’ की तरफ से खत्म हुए बादलों को फिर से मजबूत करने की प्रत्यक्ष कोशिशें और उनके (बादलों) माफिया राज की बागडोर खुद संभाले होने का रोना -रो रहे हैं, क्योंकि महाराजा और बादलों के दरमियान हुए समझौते की अब पोल खोल चुकी है।
भगवंत मान ने यहां तक कहा कि मुख्य मंत्री और बादल सिसवां स्थित अपने फार्म हाऊस में मुलाकातें-महफिले सजती हो सकती हैं क्योंकि सुखबीर बादल का ‘सुख विलास’ और महाराजा का शाही फार्म हाऊस साथ-साथ ही हैं।
भगवंत मान ने इल्जाम लगाया कि मुख्य मंत्री अपनी चण्डीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में इस लिए नहीं ठहरते क्योंकि रेत, शराब और अन्य सभी माफिया का पैसा इक_ा हो कर ‘महाराजा’ के फार्म हाऊस जाता है।
मान ने कहा कि पंजाब की इससे बड़ी बदकिस्मती क्या हो सकती है कि सत्ताधारियों की सरप्रस्ती में शरेआम बिकती नाजायज दारू के जहर के साथ जब तरनतारन, अमृतसर और बटाला में घर उजाड़े तो मुख्य मंत्री को फार्म हाऊस से निकाल कर माझा में भेजने के लिए आम आदमी पार्टी को फार्म हाऊस घेरना पड़ा।
भगवंत मान ने यह भी पूछा कि जहरीली शराब के साथ किए हत्याकांड के आरोपी कांग्रेसी विधायक रमनजीत सिंह सिक्की, उस के पीऐ जरमनजीत सिंह और विधायक सुखविन्दर सिंह डैनी जैसे असली तस्करों पर कत्ल के मुकदमे क्यूं नहीं दर्ज किए। इस मौके उनके साथ नवदीप सिंह जीदा, अमृत लाल, अनिल ठाकुर, राकेश पुरी, नील गर्ग आदि उपस्थित थे।