कहा कि यदि राज्य सरकार इन्हे सही तरीके से इस्तेमाल में लाए तो पंजाब के किसान दोनों योजनाओं से भारी लाभ प्राप्त कर सकते हैं
चंडीगढ़/16मईः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एफएसएसएआई मापदंड प्राप्त करने में दो लाख माइक्रो खाद्य इकाइयों की सहायता के लिए 10 हजार करोड़ रूपए देने तथा सब्जियों तथा फलों की आपूर्ति चेन बहाल करने के लिए 500 करोड़ रूपए खर्च करने से पंजाब में माइक्रो खाद्य प्रसंस्करण तथा सब्जियों तथा फलों की दूसरे राज्य की तरफ गति को बहुत बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह दोनो प्रोजेक्ट, जिनके बारे केंद्रीय वित्तमंत्री ने उन्हे कल जानकारी दी थी, पंजाब में अनाज, सब्जियां तथा फलों की प्रोसेसिंग तथा डेयरी उत्पादकों की गुणवत्ता बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाएंगे। उन्होने कहा कि इसके अलावा इनसे किसानों को अतिरिक्त लाभ होगा, क्योंकि सब्जियों तथा फलों की पूरे देश में आसान तथा रियायती कीमतों में गति शुरू हो जाएगी।
श्रीमती बादल ने कहा कि माइक्रो प्रोसेसिंग इकाइयों के लिए लाई गई योजना के तहत् 1.10 लाख इकाइयों को क्रेडिट लिंकड सब्सिडी प्रदान की जाएगी तथा एमएचजीज् को 4 लाख प्रति ग्रुप मैंबरों के लिए व्यापारिक पूंजी तथा छोटे औजारों के लिए कर्जे के रूप में सीड केपिटल दिया जाएगा। उन्होने कहा कि एफपीओज् को बैकवार्ड तथा फारवर्ड लिकेंज, प्राथमिक बुनियादी ढ़ांचे, पैकेजिंग, मार्केटिंग तथा ब्राडिंग के लिए स्पेशल गा्रंट दी जाएगी। इसके अलावा माइक्रो इकाइयों को उनके विस्तार तथा अपग्रेडेशन के लिए स्किल ट्रेनिंग तथा हैंडहोल्डिंग सहायता दी जाएगी।
श्रीमती बादल ने कहा कि कल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा घोषित एक अन्य योजना द्वारा किसानों को व्यापारिक पूंजी प्रदान करने तथा खेती के बुनियादी ढ़ांचे को स्थापित करने में सहायता करके खेतीबाड़ी सैक्टर को बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होने कहा कि इसके साथ अधिक पंजाबी ब्रांड तैयार करने में सहायता मिलेगी। इसके अलावा इस योजना से किसान उत्पादक जत्थेबंदियां, स्वयंसेवी ग्रुपों तथा सहकारी समितियों को व्यापारिक सफलता प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड-19 से प्रभावित हुई सब्जियों तथा फलों की आपूर्ति चेन को बहाल करने के लिए घोषित किए गए 500 करोड़ रूपए से सब्जी उत्पादकों तथा बागबानी उत्पादकों को भारी फायदा होगा। उन्होने कहा कि एक नई पहल के तहत् आपरेशन ग्रीन योजना के दायरे में टमाटर, प्याज तथा आलू के अलावा सभी सब्जियों तथा फलों को लाया जा रहा है, जिसके तहत् इन वस्तुओं की आवश्यकता वाली जगहों पर सप्लाई तथा भंडारन के लिए परिवहन में 50 फीसदी सब्सिडी दी जा रही है। उन्होने कहा कि यदि इस योजना को सही ढ़ंग से इस्तेमाल में लाया गया तो यह ग्रामीण तथा शहरी अर्थव्यवस्था में बड़ा परिवर्तन ला सकती है।
उपरोक्त दोनो योजनाओं द्वारा पैदा होने वाले रोजगार के अवसरों के बारे बोलते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि यह योजनाएं खेती सैक्टर में तकरीबन 9 लाख लोगों के लिए रोजगार पैदा करेंगी। उन्होने कहा कि एमएफईज प्रोजेक्ट से माइक्रो कारोबार के विस्तार तथा आधुनिकीकरण द्वारा इनकी रिटेल तथा वैश्विक मार्किट बढ़ाकर तकरीबन 5 लाख कुशल तथा अर्धप्रशिक्षित लोगों के लिए रोजगार पैदा करने की संभावना है।