- पंजाब राज्य को 3 करोड़ का योगदान
- वेंटिलेटर्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेन्ट (पीपीई) और दवाएं सुनिश्चित करने के लिये योगदान
- विभिन्न राज्यों के सरकारी अस्पतालों को लाभ सुनिश्चित होगा
चंडीगढ़, 30 मार्च 2020: देश में कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए, मैनकाइंड फार्मा भी मुख्यमंत्री राहत कोष में 51 करोड़ रुपये दान करके इस बीमारी के खिलाफ लड़ाई में शामिल हो गया है। मैनकाइंड कोरोना पॉजिटिव मामलों की अधिकतम संख्या वाले राज्यों में वेंटिलेटर्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेन्ट (पीपीई) और दवाएं दान करेगा। मैनकाइंड फार्मा विभिन्न राज्यों की सरकारों के साथ निकटता से काम करेगा, जैसे केरल, महाराष्ट्र,उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, बिहार, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, पंजाब,पश्चिम बंगाल, जम्मू और कश्मीर और ओडिशा।
मैनकाइंड फार्मा तनाव के इस समय में सार्वजनिक कल्याण की बेहतरी के लिये काम करेगा। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी, सेंटर फॉर डिसीज डायनैमिक्स,इकोनोमिक्स एंड पॉलिसी और प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के आकलन के अनुसार; जुलाई 2020 तक भारत में वेंटिलेटर्स की मांग बढ़कर 1 मिलियन तक जा सकती है, जबकि उपलब्धता 30,000 से 50,000 तक ही है। अग्रणी फार्मास्युटिकल कंपनी मैनकाइंड फार्मा कोरोना रोगियों का इलाज कर रहे सरकारी अस्पतालों को वेंटिलेटर्स, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेन्ट (पीपीई) और दवाएं दान करने के लिये आगे आई है।
मैनकाइंड फार्मा के चेयरमैन श्री आर. सी. जुनेजा ने कहा, ‘‘यह हमारे देश के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण समय है। इस समय कोरोना (कोविड-19) के विरूद्ध लड़ाई के दायित्व को हर तरीके से साझा करना सबसे जरूरी है। भारत की अग्रणी फार्मा कंपनी होने के नाते हम चाहते हैं कि फंड का उपयोग मेडिकल की पहली पंक्ति के योद्धाओं को सुरक्षात्मक उपकरण प्रदान करने और वायरस पीड़ितों को वेंटिलेटर देने के लिये हो। देश की एक जिम्मेदार कंपनी होने के नाते हम अपने अस्पतालों की सुरक्षा और सशक्तिकरण का संकल्प लेते हैं, ताकि रोगियों का उपचार अधिक क्षमता के साथ हो सके।’’
भारत में कोरोना वायरस के मामले 1000 से अधिक हो चुके हैं और भारत सरकार ने 21 दिन के लॉकडाउन का सामना कर रहे लोगों की मदद करने के लिये 1.7 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की है। मैनकाइंड फार्मा ने हाल ही में #thanksforbeingmyfamily कैम्पेन जारी किया है, जो अपनी जान को जोखिम में डालकर रोगियों का इलाज कर रहे डॉक्टरों, नर्सों, अन्य चिकित्सा कर्मचारियों और फार्मासिस्टों की भलाई की कामना करता है।
मैनकाइंड फार्मा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राजीव जुनेजा ने कहा, ‘‘मैनकाइंड फार्मा भारत की नंबर 1 फार्मा कंपनी बनना चाहती है, केवल राजस्व के संदर्भ में नहीं, बल्कि संकट के इस वक्त में अपने देश और नागरिकों की सहायता कर सीएसआर गतिविधियों में भी हम नंबर 1 बनने के इच्छुक हैं।’’
मैनकाइंड फार्मा का नेतृत्व पहली पीढ़ी के उद्यमी करते हैं, जो परिचालन में निकटता से संलग्न हैं और इसलिये वे रोगियों का कष्ट और उनके लिये दवाओं तथा गहन चिकित्सा सुविधाओं की अनुपलब्धता भी समझते हैं। इसके अलावा, मैनकाइंड फार्मा के सभी कर्मचारी राहत कोष में अपने एक दिन के वेतन का योगदान कर रहे हैं।
मैनकाइंड फार्मा लोगों को सेवा प्रदान करने के अपने उद्देश्य पर खरी है।
मैनकाइंड फार्मा के विषय में
भारत की चौथी प्रमुख फार्मास्युटिकल कंपनी, मैनकाइंड फार्मा की शुरुआत 1995 में हुई थी। कंपनी में कर्मचारियों की संख्या 14 हजार से अधिक है और वह 1 बिलियन डॉलर के टर्नओनर वाली कंपनी बनने की तरफ बढ़ रही है। मैनकाइंड पूरी तरह एकीकृत फार्मास्युटिकल कंपनी है, जिसके पूरे नेटवर्क में 40सी एंड एफ एजेंट और 5 हजार से ज्यादा स्टॉकिस्ट शामिल हैं। कंपनी की मौजूदगी पूरे देश में है। कंपनी एंटीबायोटिक्स, एंटीफंगल, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल,एनएसएआईडी, एंथलमिनटिक्स, एंटी डायबिटीज, गायनेकोलॉजी, कार्डियोलॉजी, डर्मैटोलॉजी, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और कई अन्य श्रेणियों में दवाएं ऑफर करती है। कंपनी की दवाओं की मजबूत पोर्टफोलियो की रेंज फार्मा से लेकर लोकप्रिय ओटीसी और एफएमसीजी ब्रैंड्स तक फैली है, जिसमें मैनफोर्स कंडोम्स, अनवॉन्टेड 72, प्रेगा न्यूज, एडिक्शन, गैस-ओ-फास्ट और कैलोरी-1 जैसी दवाएं मैनकाइंड फार्मा को प्रतिस्पर्धी बाजार में धार प्रदान करती हैं। मैनकाइंड अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में सर्विंग लाइफ की सीमाओं का और विस्तार कर रहा है।