चंडीगढ़ 19 अक्टूबर ( विश्व वार्ता डेस्क )-अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के डायरेक्टर लीगल सेल पंजाब एडवोकेट विक्रांत राणा ने बताया की अक्सर देखा जाता है कि पत्नी के जीवित होने पर भी पति दूसरा विवाह कर लेता है, जबकि पहली पत्नी के जीवित रहते ऐसा करना कानूनन अपराध है। एक पति और पत्नी के जीवित रहते इस प्रकार दोबारा किया गया विवाह अमान्य होता है| भारतीय दंड संहिता की धारा 494 के तहत ऐसा करने पर 7 वर्ष तक के कारावास और जुर्माने की सजा हो सकती है।
राणा ने आगे कहा हिंदू विवाह अधिनियम 1955 की धारा 5(1) के मुताबिक केवल एक शादी कर सकते है। यह धारा ऐसे किसी व्यक्ति पर लागू नहीं है, जिसके पहले विवाह को न्यायालय द्वारा अमान्य घोषित किया जा चुका हो, ।