-आंखों में धूल झोंकने की कार्यवाही है, बेहद गंभीर मसले पर एक दिवसीय अधिवेशन -‘आप’
🏿-किसान, विरोधी दल और मीडिया का सामना करने से भाग रही है अमरिन्दर सरकार
चण्डीगढ़, 16 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि कृषि के बारे में केंद्र के काले कानूनों और किसानी संघर्ष को लेकर मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह दोगली नीति अपना रहे हैं और पंजाब की जनता खास करके किसानों को गुमराह कर रहे हैं।
शुक्रवार को यहां प्रैस कान्फ्रेंस को संबोधन करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने काले कानूनों के बारे में पंजाब सरकार की तरफ से 19 अक्तूबर को पंजाब विधान सभा के एक दिवसीय अधिवेशन को आंखों में धूल झोंकने (आईवाश) करार देते हुए कहा कि इतने बड़े और संवेदनशील मुद्दे पर कम से कम 7 दिन का सैशन होना चाहिए था। सैशन से पहले सभी राजनैतिक दलों समेत खेती माहिरों, किसान जत्थेबंदियों और सभी प्रभावित वर्गों के नुमाइंदों के साथ संयुक्त बैठक बुलानी चाहिए थी, जिससे उस बैठक के निचोड़ के मुताबिक विधान सभा में फैसला लिया जाता, परंतु मुख्य मंत्री संघर्षशील किसानों-मज़दूरों, कृषि माहिरों, विरोधी राजनैतिक दलों यहां तक कि मीडिया का भी सामना करने से भाग रहे हैं, क्योंकि अमरिन्दर सिंह सरकार किसानों और पंजाब के हकों के मामले में मोदी सरकार से सीधी टक्कर नहीं लेना चाहती। जिस का कारण भ्रष्टाचार, विदेशी बैंक खाते और विदेशी मेहमानों के कारण बनी निजी कमजोरियां हैं।
चीमा ने कहा कि मोदी सरकार को खुश करने के लिए मुख्य मंत्री पंजाब के लोगों और किसानों को गुमराह कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यदि पंजाब सरकार गंभीर और स्पष्ट होती तो अब तक सभी राजनैतिक दलों और किसान संगठनों को पता होता कि विधान सभा सैशन दौरान सरकार कौन सा कदम उठाने जा रही है, जिस से पंजाब और कृषि को मोदी के काले कानूनों की घातक मार से बचाया जा सकता हो, परंतु आज (शुक्रवार) तक सरकार की ओर से कोई एजेंडा मुख्य विरोधी पक्ष होने के नाते हमारे (आप) के पास भी नहीं भेजा गया। जबकि यह एजेंडा सभी राजनैतिक दलों और किसान जत्थेबंदियों को भी भेजा जाना चाहिए था।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि इस से पता चलता है कि 28 अगस्त वाले विशेष सत्र की तरह यह सत्र भी आंखों में धूल झौंकने की कार्यवाही से अधिक कुछ भी नहीं, क्योंकि उस सैशन में काले कानूनों को रद्द करने सम्बन्धित जो प्रस्ताव पास किया था, उसे तुरंत केंद्र सरकार के पास भेजने की बजाए 18 दिन यहां (विधान सभा सचिवालय और पंजाब सचिवालय) में दबाए रखा, जिस दिन यह बिल संसद में आने थे, उस से एक दिन पहले भेज कर खानापूर्ति कर दी।
हरपाल सिंह चीमा ने सवाल उठाया कि पंजाब में राहुल गांधी के ट्रैक्टर ड्रामे करवाने वाले अमरिन्दर सिंह बतौर मुख्य मंत्री इस मुद्दे पर प्रधान मंत्री या केंद्रीय खेती बॉड़ी मंत्री को क्यों नहीं मिले? जबकि सर्वदलीय बैठक में एक वफद लेकर जाने का वायदा किया था।
हरपाल सिंह चीमा ने विधान सभा सैशन के दौरान कवरेज के लिए मीडिया को विधान सभा प्रैस गैलरी की जगह कोरोना की आड़ में पंजाब भवन में बिठाने की सख्त आलोचना करते हुए कहा कि मीडिया को साजिश के अंतर्गत दूर रखा जा रहा है। जो लोगों के साथ धोखा और मीडिया की आजादी पर हमला है। चीमा ने सभी मान्यता प्राप्त मीडिया को विधान सभा के अंदर से कवरेज की इजाजत और समूची कार्यवाही का लाइव टैलिकास्ट करने की मांग भी की।