-तीनों तख्तों साहिबानों से बादलों द्वारा निकाली जा रही रैलियों से पंजाबियों और पंथ रूपी संगत में भारी रोष-हरपाल सिंह चीमा
-शिरोमणि अकाली दल (बादल) अपनी खीसकती राजनैतिक जमीन हासिल करने के लिए धार्मिक भावनाओं का उठा रही है फायदा
चंडीगढ़, 1 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के सीनियर नेता और नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने पंजाब के तीनों तख्तों से शिरोमणी अकाली दल (बादल) की ओर से निकाली जा रही ट्रैक्टर रैलियों को नाटक करार देते कहा कि अब यही अकाली दल बादल अपनी खीसकती राजनैतिक जमीन हासिल करने के लिए और सिक्खों की धार्मिक भावनाओं का फायदा उठा कर राजनैतिक ताकत हासिल करने के लिए आज से जो पंजाब में तीनों तख्तों साहिबानों से अपने राजनैतिक शक्ति प्रदर्शनों की शुरुआत की है इससे पंजाबियों और पंथ रूपी संगत में भारी रोष है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान में हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि शिरोमणी अकाली दल (बादल) आज बहुत बड़ा नाटक रच रही है कि वह बहुत बड़े कसान हितैषी हैं जो कि बिल्कुल कोरा झूठ है। चीमा ने कहा कि जब तक मोदी सरकार ने किसान विरोधी घातक बिस पास नहीं किए थे, तब तक तो शिरोमणी अकाली दल (बादल) भाजपा की हां में हां मिलाते हुए सुखबीर बादल भाजपा के गुणगान कर रहे थे और मीटिंगों में कृषि विरोधी काले-कानूनों की जोरशोर से वकालत करते रहे। अंत जब बादलों ने पंजाब की समूह किसान जत्थेबंदियों और आम आदमी पार्टी के संघर्षों और कृषि -अर्थ व्यवस्था के माहिरों के सुचेत विचारों के द्वारा पैदा हुए ‘लोक-गुस्से’ को देखा तो बादलों की जोड़ी ने गिरगिट की तरह रंग बदल कर यू-टर्न ले लिया।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कभी तो बादल जोड़ी (सुखबीर और हरसिमरत) देश के कृषि मंत्री नरिन्दर सिंह तोमर को चण्डीगढ़ बुला कर उनके मुंह से प्रैस कान्फ्रेंस में कृषि विरोधी काले कानूनों के लाभ बताए जाते रहे और जब पंजाब के समूह किसान जत्थेबंदियां इन कृषि बिलों को लेकर पूरी तरह से जागरूक हो कर सडक़ों पर उतर बादलों की कोठियों का घेराव करती है तो बादलों ने अपनी राजनैतिक जमीन खिसकती देख अपनी पार्टी शिरोमणी अकाली दल (बादल) का भाजपा से गठजोड तोड़ लिया जाता है। यहां पर मैं (हरपाल सिंह चीमा) बादलों को एक बात जरूर कहना चाहता हूं कि अब पंजाब के किसान और लोग बादलों की गुमराह करने वालीचालों में नहीं फंसेंगे, क्योंकि पंजाब के लोग सब जानते हैं कि बादलों ने अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए किस तरह पंजाब के किसानों को बर्बाद करने के लिए खेती विरोधी बिलों को पास करवाने में अपना अहम योगदान दिया है।