सरकार से नहीं बनी बात, अब किसानों का कल से दिल्ली कूच
आज से गांव गांव जाकर करेंगे आह्वान; पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी
चंडीगढ, 20 फरवरी (विश्ववार्ता) हरियाणा के शंभू और दातासिंहवाला बार्डर पर पिछले एक सप्ताह से बैठे किसानों ने रविवार को बातचीत में केंद्र से मिला प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जिसके बाद पंजाब के किसानों ने कल से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया। किसान नेताओं ने कहा कि वह शांतिपूर्ण दिल्ली जाना चाहते हैं। भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) ने 21 फरवरी, यानी कल से दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। इसको लेकर स्थानीय किसान नेताओं ने भी तैयारी शुरू कर दी है। वो आज से गांव गांव जाकर किसानों से आह्वान करेंगे। उनका दावा है कि हजारों किसान पानीपत जिले से दिल्ली कूच करेंगे।अब हरियाणा सरकार की कोई भी बाधा 21 फरवरी को उन्हें दिल्ली जाने से नहीं रोक पाएगी। शंभू बार्डर से किसानों ने देश के सभी किसान संगठनों से दिल्ली कूच से पहले साथ आने का आह्वान किया।
रविवार को केंद्र ने किसानों के साथ चौथे दौर की बातचीत की थी। जिसके बाद केंद्र ने एमएसपी पर किसानों को एक प्रस्ताव सौंपा था। जिस पर किसानों ने तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तथा सोमवार को केंद्र सरकार के प्रस्ताव को सिरे से खारिज करते हुए अपनी सभी मांगे मानने तक आंदोलन से पीछे नहीं हटने का ऐलान किया।
हरियाणा की खापों व किसान संगठनों के पंजाब के किसानों के साथ आने के सुनाई दे रहे स्वरों से हरियाणा सरकार के लिए मंगलवार व बुधवार का दिन अहम रहेंगे। हरियाणा सरकार अब तक पंजाब के किसानों को सीमा पर रोकने में सफल रही हैं, परंतु हरियाणा से समर्थन मिलने के बाद सरकार के लिए किसानों को रोक पाना इतना आसान नहीं होगा। जिससे दिल्ली सीमा से सटे क्षेत्रों में किसानों की आहट से फिर 2020-2021 की कहानी दोहराने का डर सताने लगा है।
किसानों के दिल्ली कूच के ऐलान को देखते हुए हरियाणा से लगते टीकरी व सिंघू बार्डर पर दिल्ली और हरियाणा पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए हैं। दिल्ली पुलिस ने कई लेयर का सुरक्षा घेरा बनाया हुआ है। 2020-2021 के आंदोलन के अहम केंद्रों में शामिल रहे थे।