हिमाचल की सुक्खू सरकार द्वारालगाया गया वाटर सेस
विरोध में एक साथ आई पंजाब व हरियाणा की सरकारें
चंडीगढ़, 23 मार्च (विश्व वार्ता) हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार द्वारा पानी पर सेस लगाने के विरोध मे पंजाब की भगवंत मान सरकार व हरियाणा की भाजपा-जेेजेपी गठबंधन सरकार विरोध मे खडी हो गई हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में वाटर सेस का बिल पास हुआ, उधर पड़ोसी राज्य पंजाब व हरियाणा की सरकारें इससे नाराज हो गईं. पंजाब व हरियाणा ने विधानसभा में एक संकल्प प्रस्ताव पारित किया है और हिमाचल सरकार के वाटर सेस पर आपत्ति जताई है. पंजाब का मानना है कि हिमाचल में वाटर सेस लगने से उन्हें कम से कम 1200 करोड़ रुपए सालाना का नुकसान होगा. कारण ये है बीबीएमबी यानी भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड की बिजली परियोजनाओं से पंजाब व हरियाणा भी जुड़े हुए हैं. वहीं, हरियाणा सरकार का कहना है कि हिमाचल के वाटर सेस से उसे भी छह सौ करोड़ रुपए का नुकसान होगा.
हिमाचल प्रदेश के पानी पर सेस लगाने के ऑर्डिनेंस के विरोध में पंजाब विधानसभा में लाया गया प्रस्ताव सर्वसम्मति से हुआ पारित।
केंद्र से आग्रह किया गया कि हिमाचल प्रदेश सरकार को इस ऑर्डिनेंस वापस लेने के लिए हिमाचल को आदेश दे। उधर इसी तरह से हरियाणा सरकार ने भी हिमाचल प्रदेश के इस कदम को कानून विरोधी बताया गया है। केंद्र से इस मामले में कदम उठाने के लिए कहा गया है। अगर सह सकता है तो हरियाणा पर 350 करोड़ से ज्यादा का वित्तीय बोझ पड़ेगा। हरियाणा सरकार की ओर से विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है। विधानसभा में सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।