किसान को फसल बीमा योजना से वंचित रखने के लिए ‘आप’ विधायकों ने घेरी कांग्रेस सरकार
चंडीगड़, 12 अगस्त आम आदमी पार्टी (आप) ने प्रदेश के किसानों को फसल बीमा योजना से वंचित रखने के लिए अमरिन्दर सिंह सरकार के साथ-साथ मोदी सरकार को भी जमकर कोसा व कांग्रेस और अकाली-भाजपा सरकार पर किसानों की कीमत पर बड़ी कॉर्पोरेट कंपनियों के हित पूरे करने का आरोप लगाया।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के सीनियर नेता और विधायक कुलतार सिंह संधवां, मीत हेयर और जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि फसल बीमा योजनाओं के बारे में प्रदेश और केंद्र सरकारों ने किसान विरोधी मानसिकता अपनाई हुई है।
कुलतार सिंह संधवां और मीत हेयर ने कहा कि पहले केंद्र की भाजपा-अकाली दल सरकार ने फसल बीमा योजना के एक ही रस्से के साथ पूरे देश के किसानों को बांध दिया, जबकि भारत जैसे विशाल मुल्क में एकसार फसल बीमा योजना लागू करना संभव ही नहीं है। कुलतार सिंह संधवां और मीत हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार की फसल बीमा योजना रद्द करना पंजाब सरकार की मजबूरी हो सकती है, परंतु अपने साढ़े तीन सालों के कार्यकाल के दौरान पंजाब सरकार ने अपने स्तर पर कोई कदम क्यों नहीं उठाया?
कुलतार सिंह संधवां और जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि अमरिन्दर सरकार ने फसल बीमा के बारे में प्रदेश स्तरीय नीति रद्दी की टोकरी में फैंक कर पंजाब के किसानों को ‘राम भरोसे’ छोड़ दिया।
‘आप’ विधायकों ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार की ओर से फसलों के नुक्सान की भरपाई के लिए प्रति एकड़ 20 हजार रुपए के मुआवजे वाला मॉडल पंजाब में लागू करने के साथ-साथ एक किसान हितैषी फसल बीमा योजना लागू करना समय की सबसे बड़ी जरूरत बताई।
कुलतार सिंह संधवां और मीत हेयर ने कहा कि किसानी फसलों से हर साल मंडी फीस के द्वारा 4,000 करोड़ रुपए की कमाई करने वाली सरकार किसानों के हिस्से का बीमा प्रीमियर क्यूं नहीं दे सकती, जबकि कोरोना की आड़ में ही सरकार ने रेता-बजरी, शराब और पशु मंडियों के ठेकेदारों को 1000 करोड़ रुपए की सीधी छूट दे रखी है।
कुलतार सिंह संधवां और जै कृष्ण सिंह रोड़ी ने कहा कि अपने चुनाव मनोरथ पत्र (मैनीफैस्टो) में कुदरती आफतों के साथ किसानों की फसल का प्रति एकड़ 20 हजार रुपए मुआवजा देने का वायदा करने वाली पंजाब सरकार 33 प्रतिशत से अधिक नुकसान होने वाली फसलों के लिए केवल 2000 से 12500 रुपए प्रति एकड़ तक का मुआवजा भी समय पर और पारदर्शी तरीके से नहीं दे रही जबकि इस में केंद्र सरकार का भी हिस्सा शामिल है।
‘आप’ विधायकों ने प्रति एकड़ को यूनिट मान कर पंजाब में प्रभावशाली और किसान हितैषी फसल बीमा योजना लाना चाहिए।