मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मोबाइल ओपीडी की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए
चंडीगढ,13 अप्रैल (विश्ववार्ता): हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनन्द अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार मोबाइल ओपीडी की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए और इन मोबाइल ओपीडी की जिले, ब्लॉक और गांवों में जाने की सूचना एडवांस में दी जानी चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस सुविधा का लाभ उठा सकें। उन्होंने टेलीमेडिसिन और मोबाइल ओपीडी को कोविड हेल्पलाइन के साथ जोडऩे का निर्देश दिया ताकि नॉन-कोविड रोगियों को भी सभी आवश्यक चिकित्सीय परामर्श मिल सकें। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि निजी क्लीनिक खोले जाएं ताकि सामान्य बिमारियों के रोगियों को चिकित्सा परामर्श के लिए एक स्थान से दूसरे स्थान पर न जाना पड़े।
मुख्य सचिव ने यह निर्देश आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कोविड -19 के लिए नियुक्त नोडल अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा मास्क के निपटान के बारे में जारी प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन पर मुख्य सचिव ने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इन प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाए ताकि संक्रमण होने का खतरा न बढ़े। उन्होंने निर्देश दिए कि मास्क पहनने के लिए एक एडवाजऱी भी जारी की जाए और इसका सभी जिलों में व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार किया जाए ताकि सभी लोग मास्क पहनें।
उन्होंने उपायुक्तों निर्देश दिए कि दोबारो उपयोग में लाए जाने वाले कपड़े के मास्क बनाने के लिए स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी सुनिश्चित की जाए, जिन्हें बाजारों में भी बेचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि उपायुक्तों को कपड़े के मास्क की रोजाना धुलाई के संबंध में भी निर्देश जारी करना चाहिए और इसके लिए सभी को व्यापक रूप से जागरूक भी किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि पीपीई किट के उपयोग के बारे में प्रोटोकॉल प्रकाशित करने के लिए व्यापक प्रचार किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि कोवडि टेस्ट के लिए नामित प्रयोगशालाओं में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को भी डिसइन्फेक्टिड चैंबरों पर नजर रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि थर्मल स्कैनर का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि पंचायत, शहरी स्थानीय निकाय विभाग और उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आरोग्य सेतु ऐप को ज्यादा से ज्यादा डाउनलोड किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि डाटा का विश्लेषण ठीक से सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने निर्देश दिए कि क्षेत्रों के अनुसार किराने की दुकानों के साप्ताहिक रोस्टर बनाया जाए जिसमें उनका खुलने का समय और दिन और घंटे तय किए जाएं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रत्येक दुकान व्यवस्थित तरीके से खोली जाए और जो लोग राशन खरीदने आ रहे हैं, उनके द्वारा भी सोशल डिस्टेसिंग के मानदंडों का पालन करवाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने संबंधित जिला मजिस्ट्रेट और पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए कि वे फसल कटाई और खरीद से संबंधित सभी मुद्दों की समीक्षा करें।
मुख्य सचिव ने कंटेनमेंट जोन योजना के बारे में निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक उपायुक्त कंटेनमेंट प्लान का बारीकी से पालन करेंगे। उन्होंने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट जोन की योजना नियमित रूप से सुनिश्चित की जानी चाहिए ताकि लाल, हरे और नारंगी के अनुसार क्षेत्रों का वर्गीकरण किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि आवश्यक हो, तो जिला प्रशासन और पुलिस को सीसीटीवी के माध्यम से कंटेनमेंट क्षेत्रों के एंट्री और एग्जिट की निगरानी करनी चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि कंटेनमेंट क्षेत्रों और स्लम क्षेत्रों में गहन परीक्षण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए। उन्होंने निर्देश दिए कि कटेनमेंट जोन से संबंधित प्रोटोकॉल का सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए।
उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिए कि स्वयंसेवकों द्वारा पके हुए भोजन के बजाय सूखे राशन के वितरण को बढ़ाने की संभावनाओं का पता लगाएं, ताकि जहां भी संभव हो, मानवीय प्रयासों को कम किया जा सके। उन्होंने कहा कि यूनिट कमेटी ऐप लॉन्च किया गया है, इसलिए जिला और ब्लॉक स्तर की समितियों को भोजन और राशन के वितरण में शामिल किया जाना चाहिए।
बैठक के दौरान स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा ने बताया कि टेलीमेडिसिन की सुविधा पहले से ही हेल्पलाइन नंबर 1075 और 8558893911 से जोड़ी हुई है और जब भी कोई कॉलर कॉल करता है, उसे तीन विकल्प दिए जाते हैं, इन विकल्पों में से , यदि कोई कॉलर चिकित्सा सहायता का विकल्प चुनता है तो वह सीधे संबंधित चिकित्सा विशेषज्ञ से जुड़ा होता है। उन्होंने बताया कि इस हेल्पलाइन पर, मानसिक बीमारी से पीडि़त लोगों के लिए विशेष सहायता प्रदान की जा रही है और इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन पर अभी आयुष डॉक्टरों की सेवाओं सहित लगभग 415 सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में मोबाइल चिकित्सा टीमों को तैनात किया गया है और जल्द ही प्रत्येक ब्लॉक, गांव और जिले को कवर करने के लिए लगभग 500 मोबाइल चिकित्सा टीमों का गठन किया जाएगा। उन्होंने बताया किया कि मोबाइल टीमों को कोविड-19 के किसी भी लक्षण के नमूने की जांच के लिए निर्देशित किया गया है। उन्होंने बताया किया कि ये नमूने अंतिम रिपोर्ट के लिए निजी और सरकारी प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी, चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए 489 आयुष डॉक्टरों सहित 979 डॉक्टर अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
बैठक में, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री टी.वी.एस.एन प्रसाद ने बताया कि बैंकों में अधिक भीड़ न हो, इससे बचने के लिए, बैंकों को तीन चरण की योजना बनाने के लिए कहा गया है, जिसमें एक तंत्र तैयार किया जाना चाहिए जिसके तहत एक स्वयंसेवक या एक बैंक प्रतिनिधि बैंक के बाहर तैनात किया जाएगा। यह कूपन आधे-आधे घंटे के स्लॉट में होंगे ताकि लोग अपने समय के अनुसार बैंक में आए। उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों को एक तंत्र विकसित करने के लिए भी कहा गया है, जिसके द्वारा लोगों को एसएमएस के जरिए बैंकों में आने की अपॉइंटमेंट तय की जाए ताकि जिन लोगों को अपांइटमेंट मिलेगी, वे ही बैंक में आएंगे। इसके साथ ही, बैंकों में आए लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाना सुनिश्ति किया जाए।
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