-‘आप’ ने गुज्जर और बाजीगर भाईचारे को भी साम्पत्तिक अधिकार देने की मांग की
चण्डीगढ़, 21 अक्तूबर 2020 (विश्ववार्ता):विधान सभा सत्र के अंतिम दिन सदन में हुई गरमा-गर्मी के बारे में नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने स्पीकर विरुद्ध कोई भद्दी शब्दावली नहीं सच्ची शब्दावली इस्तेमाल की है।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जिस समय पंजाब राज विजीलैंस कमिशन बिल पर पार्टी विधायक अमन अरोड़ा को माननीय स्पीकर की ओर से बोलने का समय नहीं दिया गया तो उन्होंने (चीमा) स्पीकर साहिब को शिकवा जाहिर किया कि वह (स्पीकर) कांग्रेस के प्रवक्ता के तौर पर पवित्र सदन को ‘कांग्रेस भवन’ की तरह न इस्तेमाल करें। इन शब्दों को किसी भी लिहाज से भद्दी शब्दावली नहीं कहा जा सकता।
हरपाल सिंह चीमा ने दोष लगाया कि स्पीकर की ओर से निष्पक्ष भूमिका नहीं निभाई गई। जहां मीडिया को सदन की कार्यवाही से दूर रख कर प्रैस की आजादी पर हमला किया गया, वहीं लाइव टैलिकास्ट में विरोधी दल और अन्य ‘नापसन्द’ विधायक सदस्यों की एक झलक भी नहीं दिखाई गई।
चीमा ने चुनौती दी कि सदन की कार्यवाही का रिकार्ड स्पीकर के पास मौजूद है और वह साबित करें कि मेरे ओर से भद्दी या ऐतराजयोग्य भाषा इस्तेमाल की गई है। इस से पहले चीमा ने बाजीगर और जै सिंह रोड़ी ने गुज्जर कबीले को भी साम्पत्तिक अधिकार देने की जोरदार मांग की।
इसके इलावा ‘आप’ विधायकों ने वजीफा घोटाले में फंसे मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को क्लीन चिट्ट दिए जाने का सख्त विरोध किया।