स्पीकर कुलतार सिंह संधवां द्वारा भूजल के संयम से प्रयोग की अपील
कहा, रिवायती फ़सली चक्र को छोड़कर फ़सलीय विभिन्नता की तरफ मुड़ें किसान
किसानों को सिंचाई के लिए नहरी पानी का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करने की अपील
लोग अपने घरों में संयम से बरतें पानी, टोंटियों की लीकेज दुरुस्त करें
चंडीगढ़, 21 मई (विश्ववार्ता) पंजाब विधान सभा के स्पीकर स. कुलतार सिंह संधवां ने आज राज्य निवासियों खासकर किसानों से अपील की कि वे भूजल के स्तर को और गिरने से रोकने के लिए पानी का संयम से प्रयोग करें।
स. संधवां ने कहा कि भूजल के हो रहे दुरुपयोग के कारण पंजाब भर में पानी का स्तर तेज़ी से गिर रहा है और राज्य के 150 ब्लाकों में से 78 प्रतिशत से अधिक ज़मीनी पानी के नीचे जाने के कारण ‘डार्क ज़ोन’ में आ गए हैं।
तेज़ी से गिर रहे भूजल के स्तर पर गहरी चिंता प्रकट करते हुए स्पीकर ने कहा कि किसानों को रिवायती धान की बुवाई से सीधी बुवाई जैसी उन्नत तकनीक की तरफ प्रेरित करना समय की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि पंजाब द्वारा देश के अन्न भंडार में बड़ा योगदान डाला जा रहा है। देश का पेट भरने के लिए पंजाब ने गेहूँ-धान फ़सलें पैदा की और भूजल का अधिक से अधिक इस्तेमाल किया जिसके निष्कर्ष के तौर पर भूजल का स्तर प्रतिदिन गिरता जा रहा, जो गंभीर चिंता का विषय है।
स. संधवां ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा किसानों को फ़सलीय विभिन्नता को अपनाने के मकसद के साथ धान की सीधी बुवाई (डी.एस.आर.) की तकनीक अपनाने के लिए उत्साहित करने की विलक्षण पहल की गई है। इस मकसद की पूर्ति के लिए सरकार ने किसानों को सीधी बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1500 रुपए की वित्तीय सहायता देने का ऐलान भी किया है ताकि किसान धान की बुवाई के रिवायती तरीके छोड़कर पानी की बचत करने के उद्यमों में अपना बनता योगदान डाल सकें।
उन्होंने किसानों से अपील की कि वे धान की सीधी बुवाई करें और पानी बचाने में अहम भूमिका निभाएं। उन्होंने किसानों को फ़सलीय विभिन्नता के अंतर्गत विभिन्न फ़सलों जैसे मूँग, मक्का, दालें और बाज़रे सहित वैकल्पिक फ़सलों की पैदावार करने की अपील भी की।
स. संधवां ने कहा कि भू विज्ञान की रिपोर्टों के मुताबिक पंजाब का पानी 2039 तक ख़तरनाक स्तर तक नीचे जा सकता है। इसलिए भूजल को बचाने के लिए पंजाब के किसानों से अपील है कि वे सिंचाई के लिए नहरी पानी का अधिकतम प्रयोग करें और ज़मीनी पानी का प्रयोग ज्यादा अति ज़रूरी हालातों में ही किया जाये।
उन्होंने कहा कि ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते हमें अपने घरों में भी पानी का संयम से प्रयोग करना चाहिए और ज़रूरत अनुसार पानी इस्तेमाल करना चाहिए। घरों में फ़ाल्तू चल रही और निरंतर लीक हो रही टोंटियों को दुरुस्त करना चाहिए।