सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर काम करेंगे, निजी राय रखेंगे दूर- कमेटी के सदस्य
चार सदस्यीय कमेटी के सदस्य पहले ही काले कानून के पक्ष में- रणदीप सुरजेवाला
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का परीक्षण कर आज संयुक्त मोर्चा आगे की रणनीति की घोषणा करेगा-राकेश टिकैत
दिल्ली, 13 जनवरी (विश्ववार्ता):सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. साथ ही दिल्ली के तमाम नाकों पर प्रदर्शनकारी किसानों के मुद्दे को सुलझाने के लिए एक कमेटी का गठन किया है जिसे दो महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी है. इस कमेटी में भूपिंदर सिंह मान, प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी और अनिल घनवंत शामिल हैं. ये कमेटी कृषि कानूनों पर किसानों की शिकायतों और सरकार का नजरिया जानेगी और उसके आधार पर अपनी सिफारिशें देगी.
मगर इस बीच, किसान संगठनों के साथ-साथ कांग्रेस ने कमेटी में शामिल सदस्यों को लेकर सवाल उठाए हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित कमेटी के सभी सदस्य खुली बाजार व्यवस्था अथवा कानून के समर्थक रहे हैं. अशोक गुलाटी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने ही इन कानून को लाए जाने की सिफारिश की थी. देश का किसान इस फैसले से निराश है.
अनिल घनवंत ने कहा कि मैंने तीनों कानूनों का समर्थन नहीं किया है. इन कानूनों का हमने समर्थन नहीं किया है. कानून को लेकर हमने कई ऑब्जेक्शन किए थे. उन्होंने कहा कि हमारा संगठन पिछले 40 साल से लड़ रहा है. उसे आजादी चाहिए, उसे व्यापार की आजादी चाहिए, उसे टेक्नोलॉजी की आजादी चाहिए. सरकार ने जो कदम उठाएं वो किसानों के पांव की बेड़ियां तोड़ने की कोशिश की है.
वहीं कांग्रेस ने भी कमेटी के सदस्यों को लेकर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जो चिंता जाहिर की उसका हम स्वागत करते हैं. लेकिन जो चार सदस्यीय कमेटी बनाई वो चौंकाने वाला है. ये चारों सदस्य पहले ही काले कानून के पक्ष में अपना मत दे चुके हैं. ये किसानों के साथ क्या न्याय कर पाएंगे ये सवाल है? रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा, ‘ये चारों तो मोदी जी के साथ खड़े हैं. ये क्या न्याय करेंगे. एक ने लेख लिखा. एक ने मेमेरेंडम दिया. एक ने चिट्ठी लिखी, एक पेटीशनर है.’