मुख्यमंत्री से कमशर््िायल संपत्तियों को 6महीने के लिए प्रॉपर्टी टैक्स से छूट देने का आग्रह किया
राज्य सरकार को व्यावसायिक टैक्स हटाने तथा ठेके पर रखे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कहा
चंडीगढ़/25मार्चः शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से आग्रह किया है कि वह अगले तीन महीनों के लिए कमशर््िायल बिजली बिलों पर 50 फीसदी की कटौती करके औद्योगिक सैक्टर को आवश्यक राहत प्रदान करें जोकि तेजी से बढ़ रहे मैनेजमेंट खर्चों के कारण बंद होने के कगार पर जा खड़ा है।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि औद्योगिक सैक्टर को कोरोना वायरस महामारी की बड़ी कीमत चुकानी पड़ रही है। उन्होने कहा कि निर्माण इकाईयां बंद हो चुकी हैं तथा उन्हे मैनेजमेंट खर्चों तथा अपने कर्मचारियों को वेतन की अदायगी करनी पड़ेगी। यही कहानी कस्बों तथा शहरों में विभिन्न व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की भी है, जोकि वर्तमान लॉकडाउन के कारण एक बड़े आर्थिक संकट में घिरे नजर आ रहे हैं। उन्होने कहा कि ऐसी स्थिति में यदि उन्हे अगले तीन महीनों के लिए कमशर््िायल बिलों में 50 फीसदी राहत दे दी जाती है तो इससे उन्हे अपने आप को व्यवस्थित करने में सहायता मिलेगी।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि इसी तरह शो रूमों तथा दुकानों समेत सभी कमशर््िायल प्रतिष्ठानों को अगले छह महीने के लिए प्रापर्टी टैक्स भरने से छूट दी जानी चाहिए। इससे कुछ हद तक इन प्रतिष्ठानों के नुकसान की भरपाई हो जाएगी।
अकाली दल अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को सभी कर्मचारियों पर लगाए व्यवसायिक टैक्स भी हटा देने चाहिए। उन्होने कहा कि लॉकडाउन के कारण समाज को आर्थिक तौर पर भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होने सरकार से उन सभी कर्मचारियों को अगले तीन महीनों तक पूरा वेतन दिए जाने की भी वकालत की, जिन्हे सिर्फ बुनियादी वेतन दिया जा रहा है। सरदार बादल ने सभी ठेकों पर रखे कर्मचारियों को नियमित करने के लिए कहा ताकि वह इस कठिन समय में अपने परिवारों का बोझ उठा सकें।
सरदार बादल ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वह किसानों, ग्रामीण तथा शहरी लोगों को राहत देने संबधी उनके द्वारा सुझाए प्रस्तावों पर गंभीरता से विचार करें। उन्होने कहा कि इन प्रस्तावों में छह महीनों के लिए सहकारी बैंकों की सभी कर्जे की किस्तों की उगाही बंद करना, इन कर्जों का ब्याज न वसूलना, खेत मजदूरों तथा शहरी दिहाड़ीदारों के लिए क्रमशः दो हजार रूपए तथा तीन हजार रूपए प्रति महीना सीधा उनके खातों में डालना शामिल है। उन्होने कहा कि मैं तुम्हारे ध्यान में पैंशन लेने वाले बुजूर्गों तथा विधवाओं की खास देखभाल का मामला भी लाया हूं, जिनकी बकाया पैंशनें जारी करने के अलावा उन्हे एक महीने की अग्रिम पैंशन दी जानी चाहिए। इसी तरह आटा-दाल के लाभार्थियों को भी राशन की बजाय नकद राशि दी जा सकती है।