उन्होंने बताया कि पंजाब राज्य को नहरी पानी भाखड़ा डैम, पौंग डैम और रणजीत सागर डैम से उपलब्ध होता है। हालाँकि इस साल बर्फ कम पड़ने के कारण और बरसातें कम होने के कारण भाखड़ा डैम, पौंग डैम और रणजीत सागर डैम में पानी का स्तर पिछले साल के मुकाबले क्रमवार 56.24 फुट, 55.84 फुट और 10.10 मीटर कम है। इसके विपरीत बरसात कम होने के कारण नहरी पानी की माँग बहुत ज्यादा बढ़ गई है।
उन्होंने बताया कि डैमों में उपरोक्त दर्शाऐ स्तरों के बावजूद नहरों में पानी हर साल की तरह पूरे सामर्थ्य से छोड़ा जा रहा है जैसे कि मालवा क्षेत्र को पानी की सप्लाई करने वाला सरहिन्द नहर सिस्टम अपने सामर्थ्य के अनुसार 11000 क्यूसिक और फिरोजपुर नहर सिस्टम लगभग 10000 क्यूसिक सामर्थ्य के साथ चल रहा है।
इसी तरह दोआबा क्षेत्र को नहरी पानी सप्लाई करने वाली बिसत दोआब नहर 1450 क्यूसिक, शाह नहर सिस्टम लगभग 600 क्यूसिक और माझा क्षेत्र को पानी की सप्लाई करने वाला अप्पर बारी दुआब नहर सिस्टम लगभग 6000 क्यूसिक सामर्थ्य के साथ चल रहा है।
जल स्रोत मंत्री के अनुसार जहाँ कहीं भी नहरों/कस्सियों की हालत ठीक न होने के कारण नहरें सामर्थ्य अनुसार पानी नहीं ले सकतीं वहां हर साल की तरह रोटेशन सिस्टम लागू किया हुआ है। इसके इलावा टेलें पर भी लगभग पूरा पानी सप्लाई किया जा रहा है और जल स्रोत विभाग के अधिकारी इसको रोजाना माॅनिटर भी कर रहे हैं ताकि किसानों को जरा सी भी दिक्कत का सामना न करना पड़े।
उन्होंने बताया कि बिजली की समस्या भी एक -दो दिनों में ठीक हो जायेगी क्योंकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की तरफ से इस सम्बन्धी पहले ही निर्देश जारी किये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि सुखबीर सिंह बादल की तरफ से यह कहना सरासर गलत और तथ्यहीन है कि जमीनों को नहरी पानी उपलब्ध न होने के कारण धान की बीजी फसल तबाह हो रही है। सरकारिया ने कहा कि पिछली सरकार के मुकाबले मौजूदा सरकार के फैसले किसान समर्थकी हैं और किसानों की खुशहाली के लिए कैप्टन सरकार ने बहुत से कारगर कदम उठाए हैं।