सरकार निश्चित करे 4 जनवरी की बैठक में वह काले कानून रद्द करने का फैसला लेगी- भगवंत मान
एमएसपी की कानूनी गारंटी किसानों का पहला हक, सरकार इससे भागने की बजाए करे लागू
केंद्र व प्रदेश सरकारें सरकारी और सहकारी व्यवस्था को खत्म करने से बाज आए
चंडीगढ़, 31 दिसंबर 2020 (विश्ववार्ता):आम आदमी पार्टी (आप) ने किसानों व केंद्र सरकार की 6ठे दौर की बैठक में कुछ मुद्दों पर सहमति की बन रही संभावना के उपरांत 4 जनवरी को हो रही 7वें दौर की बैठक को अंतिम बैठक के तौर पर लेते हुए इस मुद्दो का सार्थक हल निकालने की मांग की है।
पार्टी मुख्यालय से जारी बयान के द्वारा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने कहा कि कल किसानों और सरकार की हुई बैठक में दोनों दलों के दरमियान कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति बनने की संभावनाएं बनी हैं, परंतु अभी बड़े और गंभीर मुद्दे वैसे के वैसे ही हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कड़ाके की सर्दी में आंदोलन कर रहे किसानों के मुद्दों को गंभीरता के साथ ले और आगामी बैठक में किसानों की मुख्य मांग कृषि संबंधी पास किए काले कानूनों को रद्द करे।
मान ने कहा कि किसानों को कृषि कानूनों से अपना भविष्य खतरे में लग रहा है, तो फिर ऐसे कानूनों की जरूरत ही क्या है, जो देश के अन्नदाता की जमीनें ही छीन ले। उन्होंने एमएसपी के संदर्भ में कहा कि यह किसानों का पहला हक है, जो कानूनी तौर पर मिलना चाहिए। जब देश के लोगों का पेट भरने के लिए विदेशों से अनाज मंगवाना पड़ता था, तो उस समय अन्नदाताओं ने ही सख्त मेहनत करते हुए हरी-क्रांति लाई और देश को आत्मनिर्भर बनाते हुए देश वासियों का पेट भरा। अब सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए देश के अन्नदाता को ही उनके पास बेच रही है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार किसानों को सभी फसलों पर कानूनी तौर पर एमएसपी देती है तो विदेशों से मंगवाने वाली दालें, तेल के लिए भी भारत आत्मनिर्भर हो जाएगा।
भगवंत मान ने केंद्र और प्रदेश सरकार पर बरसते कहा कि पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए दोनों सरकारें एक नीति के तहत सरकारी और सहकारी व्यवस्था को खत्म कर रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों के पैसों के साथ बने हुए व्यवस्था को तहस-नहस किया जा रहा है। केंद्र की मोदी सरकार ने टेलीकॉम क्षेत्र में अम्बानी के जीओ को सफल बनाने के लिए बीएसएनएल जैसे विभाग को खत्म कर दिया है। ऐसा ही प्रदेश की कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकारें पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए जनतक विभागों की बलि न दे। उन्होंने कहा कि कैप्टन सरकार जनतक विभागों को मजबूत करते हुए अपने चुनावी वायदे घर-घर नौकरी के मुताबिक पंजाब के नौजवानों को सरकारी नौकरी दे, न कि सरकार लोगों को गुमराह करने के मकसद से विभागों का पुनर्गठन करने का कार्य करे।