कहा – भाजपा जजपा किसानो की गेहूं-सरसों खरीद बारे हाथ पर हाथ धरे बैठी
कांग्रेस के वरिष्ट नेता रणदीप सुरजेवाला ने खट्टर सरकार को गेहू, सरसो व रबी की फसल खरीद पर सुझाव दिए
अखिल भारतीय कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
रणदीप सिह सुरजेवाला ने अपने निवास किसान भवन पर वीडियो कांफ्रेसिग के जरिए किया प्रेसवार्ता को सम्बोधित
कैथल, 03 अप्रैल 2020
आज कैथल में अपने निवास किसान भवन पर वीडियो कांफ्रेसग के तहत अखिल भारतीय कांग्रेस कोर कमेटी के सद्स्य व राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रणदीप सिह सुरजेवाला पत्रकारो से प्रेस वार्ता की व उनके हर सवाल का जवाब दिया। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हरियाणा प्रदेश व कैथल के किसानों, किसान संगठनों, आढ़तियों, आढ़ती एसोसिएशन के प्रतिनिधियों, मजदूर यूनियनों से व्यापक चर्चा कर व जमीनी हकीकत का जायजा लेने से एक बात साफ है कि खट्टर सरकार गेहूं-सरसों खरीद बारे हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रबी फसलों की खरीद के बारे न कोई सोच है, न कोई तैयारी और न ही मौके पर कोई इंतजाम। ऐसे में गेहूं व अन्य फसलों की खरीद हो पाना नामुमकिन है।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा की गठबंधन सरकार पर 5 पहलुओ के तहत हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर व उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (जो विभाग के मंत्री हैं) किसान-मजदूर-आढ़ती के जले पर यह कहकर नमक छिड़क रहे हैं कि किसान अपनी गेहूं की फसल काटकर घर रख ले व खरीद तीन चरणों में 30 जून तक की जाएगी। उन्होने कहा कि 26 मार्च, 2020 को खट्टर सरकार ने किसान-मजदूर-आढ़ती को गेहूं पर 125 रु. क्विंटल बोनस देने का एक झुनझुना थमा दिया। पर नौ दिन बीत जाने के बाद अब गेहूं पर दिए जाने वाले बोनस की इस मांग पर खट्टर सरकार रहस्यमयी चुप्पी साधे है, क्योंकि बोनस देंगे ही नहीं।
सुरजेवाला ने कहा कि भाजपा-जजपा के तुगलकी फरमानों व गेहूं-सरसों खरीद की तैयारी के दिवालिएपन का आलम कि यह है कि आज तक फसल खरीद के लिए खरीद एजेंसियों को अनाज मंडी आवंटित नहीं की। खट्टर व दुष्यंत चौटाला ने FCI, HAFED, हरियाणा वेयरहाउसिंग कॉर्पोरेशन, फूड एंड सिविल सप्लाईज़ डिपार्टमेंट की मीटिंग लेकर न तो मंडीवाईज़ मूवमेंट प्लान निर्धारित की, न ही मंडी में खरीद स्टाफ की ड्यूटियां लगाईं और न ही मंडी लेवल खरीद कमेटियां बनाईं। रबी खरीद 2020-21 की ‘प्रोक्योरमेंट प्लान’ व इस बारे जरूरी हिदायतें जारी ही नहीं कीं। सरकार ने बारदाना यानि कट्टे खरीदे ही नहीं। कट्टों की सिलाई बारे कोई टेंडर मज़दूरों को नहीं दिया गया। खरीदी गई गेहूं व अन्य रबी अनाज भंडारण के लिए न गोदाम चिन्हित किए गए और न ही अनाज मूवमेंट, इसकी लदाई व उतरवाई का टेंडर जारी किया गया।
उन्होने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार की संपूर्ण विफलता का आलम यह है कि आज तक आढ़तियों को पिछली धान व खरीफ फसलों की आढ़त तथा मजदूरी का भुगतान तक नहीं किया गया। अकेले कैथल जिले में यह राशि 19 करोड़ रु. से अधिक है व पूरे हरियाणा में 200 करोड़ रु. से अधिक बकाया है। जब पिछली आढ़त व मजदूरी की राशि का ही भुगतान नहीं हुआ, तो मौजूदा सीज़न में खरीद कैसे होगी?
सुरजेवाला ने कहा कि किसान पर तो चौतरफा मार यह भी पड़ी है कि तीन बार की बेमौसमी बरसात व ओलों की न तो विशेष गिरदावरी होकर फूटी कौड़ी मुआवज़ा ही मिला और न ही मौजूदा गेहूं-सरसों और रबी की फसल खरीद का कोई इंतजाम है। खट्टर सरकार ने हरियाणा के किसान को भगवान भरोसे छोड़ दिया है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला ने गेहूं-सरसों-रबी फसल खरीद के लिए भाजपा सरकार को सुझाव दिए और खट्टर सरकार से अनुरोध भी किया कि इस सुझाव पर गंभीरता से विचार करे। उन्होने सुझाव देते हुए कहा कि सभी रजिस्टर्ड आढ़तियों को पर्चेज़ सेंटर मानकर न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं-सरसों खरीद की इजाजत दे दी जाए। गेहूं खरीद करने, बारदाने व कट्टों की सिलाई का इंतजाम करने तथा सरकार के गोदाम तक पहुंचाई की जिम्मेदारी सीधे रजिस्टर्ड आढ़तियों की हो। इसके एवज़ में सरकार हर आढ़ती को गेहूं पर मिलने वाली आढ़त के साथ साथ हर गेहूं के कट्टे के साथ बारदाने की कीमत, गेहूं सफाई, मजदूरी, कट्टे की सिलाई, गेहूं की ढुलाई, भंडारण स्थान तक पहुंचाने के साधन के किराए का भुगतान व 10 प्रतिशत अतिरिक्त राशि दे। गेहूं व सरसों की खरीद की इस व्यवस्था बारे 25 प्रतिशत एडवांस राशि आढ़तियों के खाते में सरकार जमा करवा दे। सरकार के गे