एपीएमसी अधिनियम में संशोधन और निजी मंडियों के निर्माण का वादा करने वाली कांग्रेस का चुनावी घोषणापत्र जारी किया
मक्का किसानों की दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार सरकार को एमएसपी के तहत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मक्का खरीदने को कहा
करोड़ों के कृषि मशीनरी घोटाले की सीबीआई जांच मांगी
चंडीगढ़ 23 जुलाई (विश्ववार्ता): शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने आज कहा है कि पार्टी गेंहू और धान के मंडीकरण का आश्वासन देने के साथ साथ उन्होनेे कांग्रेस सरकार के 2017 के विधानसभा चुनाव के घोषणा पत्र की एक प्रति जारी करके उन्हे उजागर कर दिया है, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि पार्टी प्राईवेट मंडियों की अनुमति के लिए राज्य एपीएमसी अधिनियम में संशोधन करेगी।
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष ने प्राईवेट कंपनियों से बढ़ी हुई दरों पर कृषि मशीनरी खरीद की सीबीआई से जांच की मांग के अलावा मक्का किसानों को निराश करने के लिए कांग्रेस पार्टी को फटकार लगाई।
यहां एक वर्चुअल कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए अकाली दल अध्यक्ष ने पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में वादा करने के बावजूद कहा कि वह एपीएमसी एक्ट में संशोधन करेंगी, कांग्रेस पार्टी अब किसानों को गुमराह करके इस मुददे पर राजनीतिक रही है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और सुनिश्चित मंडीकरण प्रणाली खत्म हो जाएगी। यह सच से मीलों दूर है। शिरोमणी अकाली दल किसानों की पार्टी है। हम किसानों की समस्याओं को समझते हैं और हमेशा किसानों के अधिकारों के लिए लड़े हैं। मैं अपने बहादुर किसानों को आश्वासन देता हूं कि अकाली दल उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नही होने देगी। हम किसी को भी न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा सुनिश्चित मंडीकरण के साथ छेड़छाड़ नही करने की अनुमति नही देंगे।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने यह भी घोषणा की कि वह इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे और केंद्र से आश्वासन लेंगे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य और गेंहू और धान के मंडीकरण के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ नही होने देंगे। उन्होने कहा कि ‘मैं किसान संगठनों का साथ देने को तैयार हूं और केंद्रीय कृषि मंत्री से जो भी स्पष्टीकरण चाहिए उसके लिए मैं साथ चलने को तैयार हूं।
इस बीच राज्य के मक्का किसानों की दुर्दशा के लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को जिम्मेदार ठहराया। उन्होने कहा कि मक्का 1825 रूपये प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के मुकाबले दोआबा में 600 रूपये से 800 रूपये प्रति क्ंिवटल के हिसाब से बिक रहा था। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से मुख्यमंत्री को नींद से जगाने के लिए कहते हुए सरदार बादल ने कहा कि सरकार को मक्का को सार्वजनिक वितरण प्रणाली में शामिल करना चाहिए और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाना चाहिए। ‘ उन्होने कहा कि तत्काल दोआबा क्षेत्र के मक्का किसानों को बर्बाद होने से बचाने के लिए किया जाना चाहिए। उन्होने यह भी हवाला दिया कि कांग्रेस सरकार इस योजना को लागू करने में विफल रही है जिसके तहत केंद्र उन राज्यों की क्षतिपूर्ति करता है जिन किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम कीमतों पर मक्का बेचने के लिए मजबूर किया गया था। उन्होने कहा कि हरियाणा और मध्यप्रदेश ने इस योजना का लाभ उठाया था जिसके तहत केंद्र सरकार ने इस साल 14000 करोड़ आवंटित किए थे।
सरदार सुखबीर सिंह बादल ने निजी कंपनियों से कृषि उपकरण खरीदने में हुए घोटालों की सीबीआई जांच की मांग भी की। उन्होने कहा कि कांग्रेस सरकार ने निजी कंपनियों से कृषि मशीनरी की खरीद पर सब्सिडी देकर किसानों के साथ धोखाधड़ी की थी। उन्होने कहा कि इस तरह खरीदी गई मशीनरी खुले बाजार में उपलब्ध मशीनरी से खराब गुणवत्ता वाली तथा मंहगी थी। उन्होने कहा कि सब्सिडी सीधे किसानों को दी जानी चाहिए थी और उन्हे अपनी जरूरतों के अनुसार मशीनरी खरीदने की अनुमति दी जानी चाहिए थी। उन्होने सरकार से इस घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश देते हुए कहा कि राज्य के अधिकारियों ने राज्य के खजाने को लूटने के लिए राजनेताओं से मिलीभगत की थी।
इस अवसर पर वरिष्ठ नेता जत्थेदार तोता सिंह, प्रोफेसर प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशइंदर सिंह ग्रेवाल तथा डॉ. दलजीत सिंह चीमा भी उपस्थित थे।