राष्ट्रीय बाल सुरक्षा आयोग दूसरी कक्षा की छात्रा से दुष्कर्म के मामले की जांच करेगा तथा चूक के लिए जिम्मेदारी तय करेगाः हरसिमरत कौर बाद
मुख्यमंत्री से ब्यास स्कूल के प्रधानाचार्य और उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा, जिन्होेने मामले को रफा-दफा करने की कोशिश की थी
राज्य सरकार को जूनियर स्कूलों में शौचालयों के नजदीक महिला कर्मचारियों की तैनाती आवश्यक बनाने के लिए कहा। इसके अलावा यह सुनिश्चित किया जाए कि सिर्फ नियुक्त किए पहचान पत्रों वाले ड्राईवर तथा कंडक्टर ही स्कूल बसें चलाएं
चंडीगढ़/19दिसंबरः केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने आज कहा कि राष्ट्रीय बाल सुरक्षा अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) ने दूसरी कक्षा में पढ़ती छात्रा से हुए दुष्कर्म के घिनौने अपराध की जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। उन्होने बताया कि यह टीम इस मामले में स्कूल प्रबंधन द्वारा की गल्तियों के लिए जिम्मेदारी तय करने तथा भविष्य में बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए शीघ्र ही स्कूल का दौरा करेगी।
यहां एक प्रेस बयान जारी करते हुए श्रीमती बादल ने कहा कि कितनी हैरानी की बात है कि घटना होने के चार दिन बाद भी न इस घिनौने अपराध को छिपाने की कोशिश करने वाली स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है तथा न ही उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ, जिन्होने इस अमानवीय काम में मैनेजमेंट की सहायता की थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वह आज एनसीपीसीआर के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो से मिली थी ताकि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एक निष्पक्ष जांच शुरू की जा सके, जिसने यह मानने से इंकार करके कि यह घटना हुई है, इस अपराध को छिपाने की कोशिश की थी। उन्होने कहा कि उन्होने एनसीपीसीआर अध्यक्ष को स्कूल मैनेजमेंट के असहयोगी व्यवहार से अवगत करवाया है,जिसने पीड़ित बच्ची के अभिभावकों को सीसीटीवी फुटेज भी नही दी। श्रीमती बादल ने कहा कि एनसीपीसीआर चेयरमैन ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह पूरी घटना की विस्तार से जांच करवाएंगे तथा पीड़ित के अधिकारों के उल्लंघन के लिए जिम्मेदार सभी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश करेंगे।
इस दौरान श्रीमती बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से ब्यास स्कूल के प्रधानाचार्य तथा उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का अनुरोध किया है, जिन्होने अपने कर्तव्य में लापरवाही की थी तथा इस मामले की शिकायत न करने संबधी पीड़ित परिवार पर दबाव डाला था। उन्होने कहा कि दोषी पुलिस अधिकारियों को तत्काल नौकरी से बर्खास्त किया जाना चाहिए। उन्होने मुख्यमंत्री से यह आदेश जारी करने के लिए कहा , जिसके तहत् छोटे बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित बनाने के लिए सभी बालवाड़ी और जूनियर स्कूलों के शौचालय के नजदीक महिला स्टाफ की तैनाती को आवश्यक बना दिया जाए। उन्होने कहा कि इसके अलावा सिर्फ नियुक्त किए ड्राइवरों तथा कंडक्टरों को ही स्कूल बसें चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए तथा इन कर्मियों के पास हमेशा अपना पहचान पत्र होना चाहिए।
बठिंडा सांसद ने मुख्यमंत्री से पिछले समय में महिलाओं तथा नाबालिग लड़कियों के खिलाफ हुए सभी अपराधों की जांच के लिए विशेष आयोग बनाने का अनुरोध किया। उन्होने कहा कि कांग्रेसी मंत्रियों तथा विधायकों द्वारा गैंगस्टरों को दी छूट से राज्य में पनपी गुंडागर्दी के कारण ऐसे अपराधों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि हाल ही में महिलाओं तथा नाबालिग लड़कियों के खिलाफ बहुत ही भयानक अपराध हुए हैं, यह चाहे मोहाली में ड्रग इंस्पेक्टर नेहा शौरी तथा खरड़ में एक महिला अध्यापक का कत्ल हो, जलालाबाद, कपूरथला, तलवंडी साबो तथा पटियाला में नाबालिग से हुए दुष्कर्म की घटनाएं हो, धूरी में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म, बठिंडा में एक महिला से दुष्कर्म यां पुलिस कर्मियों द्वारा चलती कार में एक एक शिकायतकर्ता के साथ किए गिरोह दुष्कर्म की घटना हो।