कहा, सुप्रीम कोर्ट में जल्द दाखि़ल करेंगे सामूहिक समीक्षा पटीशन
सितम्बर महीने में कोविड का शिखर होने के ख़तरे के कारण परीक्षा ऑनलाइन लेने या परीक्षा की तारीख़ आगे बढ़ाने का दिया सुझाव
तनाव, मुश्किल स्थितियों और यातायात पाबंदियों के कारण बच्चों को परीक्षा के लिए आने-जाने के में आएगी दिक्कत
लोगों और विद्यार्थियों के विरोध से सबक सीखे केंद्र सरकार
चंडीगढ़, 27 अगस्त (विश्ववार्ता):सितम्बर महीने के दौरान एन.ई.ई.टी. (नीट) और जे.ई.ई. परीक्षाएं लेने के लिए जि़द्दी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आज पंजाब के शिक्षा मंत्री श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार, जान के ख़तरों को दरकिनार करके, बच्चों पर परीक्षाएं थोप रही है, परन्तु हम किसी भी कीमत पर बच्चों की जान के साथ समझौता नहीं कर सकते। इसलिए कांग्रेस पार्टी, इन परीक्षाओं का विरोध करने वाले विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा पटीशन दाखि़ल करेगी। उन्होंने बताया कि सितम्बर महीने में कोविड महामारी के शिखर पर जाने के ख़तरे के दरमियान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह द्वारा एडवोकेट जनरल को हिदायत की गई है कि वह विरोधी पार्टियों की हुकूमत वाले अन्य राज्यों के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ बात करके सुप्रीम कोर्ट में सामूहिक समीक्षा पटीशन दायर करके परीक्षाएं आगे करने की गुज़ारिश करें।
शिक्षा मंत्री ने ज़ोर देकर कहा, ‘‘हमारे लिए बच्चों की सुरक्षा सबसे पहले है। इसलिए हमने स्कूल / कॉलेज बंद किये हुए हैं। परन्तु अगर केंद्र सरकार यह परीक्षाएं लेने के लिए अड़ी हुई है तो उसे परीक्षाएं ऑनलाइन लेनी चाहीए, ना कि बच्चों को शारीरिक तौर पर बुलाकर उन्होंने कहा कि ऐसी अहम परीक्षाओं के लिए बच्चों और उनके अभिभावकों का मानसिक तौर पर शांत होना लाजि़मी है, परन्तु कोरोना महामारी के दौरान हर व्यक्ति मानसिक तनाव से जूझ रहा है। इसके अलावा कोविड-19 के मद्देनजऱ विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा यातायात समेत अन्य पाबंदियाँ लगाई गईं हैं, जिस कारण बच्चों और उनके अभिभावकों को आने-जाने के समय परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा कई राज्यों में बाढ़ के कारण बिगड़ी स्थिति और कई स्थानों पर परीक्षा केन्द्रों की कमी भी विद्यार्थियों के लिए मुश्किल पैदा करेगी।
श्री सिंगला ने विशेष तौर पर कहा कि केंद्र सरकार को लोगों और विद्यार्थियों के विरोध से सबक लेना चाहिए और हालात आम होने तक परीक्षाओं की तारीख़ आगे बढ़ा देनी चाहिए या फिर ऑनलाइन ढंग से परीक्षाएं करवाई जाएं। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के कारण बच्चों की जान को ख़तरा है और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता।