बुजुर्गों को हंसने-मुस्कुराने दीजिए
आज विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस है यानि बुजुर्गों को सम्मान देने का दिन। नई पीढ़ी को यह बताने का दिन कि ये बोझ नहीं, बल्कि जिस सुंदर-सी बगिया में आप खिलखिला रहे हो, उसको इसी बागबान ने सींचकर इतना मनोरम बनाया है। बच्चों को अपने पैर पर खड़ा करने के लिए उन्होंने जो भी जतन किए, उस उधार को सम्मान के साथ चुकाना होगा, ताकि आपके बाद की पीढ़ी भी आपके साथ बेहतर बर्ताव करे। ये तो हुई घर-परिवार की बात।
अब आपको बता दें कि सरकार ने भी वरिष्ठ नागरिकों को कदम-कदम पर सुविधाएं दी हैं। साठ वर्ष से ऊपर के प्रत्येक नागरिक सभी सरकारी सुविधाओं के हकदार हैं। इन्हें रेलवे के किराए में 40 प्रतिशत छूट दी जाती है। सरकारी बसों में कुछ सीटें आरक्षित रखी जाती हैं। एयर लाइन्स में 50प्रतिशत तक की छूट देने की व्यवस्था रखी गई है। बैंकों में भी इन्हें सुविधाएं प्राप्त हैं। 21 अगस्त को मनाये जाने वाले विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस को पहली बार संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1990 में 14 दिसंबर को घोषित किया गया था।
विश्व वरिष्ठ नागरिक दिवस का इतिहास 1988 की अवधि से आता है। इसे आधिकारिक तौर पर संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन द्वारा स्थापित किया गया था। उन्होंने 19 अगस्त, 1988 को इस पर हस्ताक्षर किए थे, जिसे 21 अगस्त को वरिष्ठ नागरिक दिवस के रूप में प्रकट किया गया था। रोनाल्ड रीगन पहले राष्ट्रीय वरिष्ठ नागरिक दिवस को पेश करने वाले पहले व्यक्ति थे।
बुजुर्गों का रखें खास ख्याल
एक उम्र के बाद हमारे माता-पिता या दादा-दादी या घर के अन्य बुजुर्ग सदस्य को एक खास तरह के केयर की जरूरत होती है। ऐसा न होने पर बुजुर्ग खुद को घर में उपेक्षित महसूस करने लगते हैं। तनहाई उनका सबसे बड़ा दुश्मन है, जब मन में कई तरह की आशंकाएं घर करने लगती हैं और धीरे-धीरे ये अवस्था मानसिक बीमारी का रूप ले लेती है। शरीर कमजोर होने पर बीमारियां हावी होने लगती हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि हम बुजुर्गों को ये ऐहसास कराएं कि वह हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। उनके अनुभवों की हमें कितनी जरूरत है। इसके लिए कुछ आसान उपाय अपनाए जा सकते हैं…
एक साथ भोजन करना- घर में या घर से बाहर एक साथ भोजन करना हमेशा एक बेहतरीन अनुभव होता है। अवकाश में या किसी स्पेशल डे पर आप बुजुर्गों की पसंद का ख्याल रखते हुए उनकी और बच्चों की मदद से कुछ खास पका सकते हैं। इससे बुजुर्ग शारीरिक व मानसिक रूप से एक्टिव भी रहेंगे और उन्हें कभी भी अकेलापन महसूस नहीं होगा।
यादों का झरोखा-
आप किसी खास दिन पर घर के बुजुर्ग सदस्य को यादों का झरोखा उपहार के तौर पर भी दे सकते हैं। उनकी कुछ पुरानी और यादगार तस्वीरों के साथ तैयार किया गया खास फोटो एल्बम एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
सरप्राइज पार्टी या पिकनिक-
सरप्राइज पार्टी या पिकनिक हर किसी को पसंद आती है। बुजुर्ग ही नहीं ये घर के हर सदस्य को आपस में जोड़े रखने का सबसे कारगर उपाय है। अच्छे मौसम या किसी विशेष दिन पर ऐसी सरप्राइज पार्टी बुजुर्गों को ही नहीं आपके बच्चों को भी तरोताजा कर देगी।
साथ में समय बिताएं-
स्मार्ट टीवी, स्मार्ट फोन, लैपटॉप और देश-दुनिया के ज्ञान ने हमें इतना समझदार या कहें व्यस्त बना दिया है कि हम अपने बुजुर्गों की छोटी-छोटी समस्याओं को समझ ही नहीं पाते या उनकी तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता। ऐसे में बेहतर होगा कि नियमित तौर पर थोड़ा समय निकालकर बुजुर्गों के साथ समय बिताएं। उनसे महत्वपूर्ण मसलों पर राय लें। उनकी समस्याओं जैसे तबियत आदि के बारे में बात करें।
इनडोर गेम-
छुट्टी वाले दिन कुछ देर के लिए बुजुर्गों के साथ उनकी पसंद के इनडोर गेम खेलने का वक्त निकालें। इसमें पूरे परिवार को या कम से कम बच्चों को भी जरूर शामिल करें। फिर देखें, कैसे खेल में आने वाली छोटी-छोटी चुनौतियां सबके चेहरे पर खुशियां बिखेर देती हैं। इससे बुजुर्गों को मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में भी मदद मिलती है।
टहलना या बागबानी-
बुजुर्गों को शारीरिक व मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि उन्हें एक्टिव रखा जाए। ऐसे में उनके लिए सुबह-शाम की सैर और बागबानी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। अगर आप भी कभी-कभी उनके साथ टहलने या बागबानी का वक्त निकालें तो ये आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर होगा। इससे बुजुर्गों को अकेलापन या उपेक्षित महसूस नहीं होगा।