फिरोजपुर 11 मई( प्रशर )-लॉक डॉन के समय रेलवे द्वारा देश के विभिन्न भागों में रोजगार संबंधी कार्यों के लिए निवास कर रहे श्रमिकों को उनके गृह राज्य में पहुंचाने के लिए देश के विभिन्न स्थानों से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है जिससे श्रमिक सकुशल अपने मूल निवास स्थान पहुंच सके |
रेलवे द्वारा भारत सरकार के दिशा निर्देशानुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का सफल संचालन किया जा रहा है | जिसमें राज्य सरकारों की मांग पर विभिन्न स्थानों के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है | इन ट्रेनों में केवल उन्हीं यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति दी जाती है जिनको राज्य सरकार द्वारा पंजीकृत एवं जांच करने के उपरांत मेडिकल फिटनेस किया जाता है |
मंडल रेल प्रबंधक श्री राजेश अग्रवाल ने बताया कि फिरोजपुर मंडल ने 5 मई से 10 मई के बीच 40 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का समय बद्ध एवं संरक्षित संचालन अधिकारियों एवं कर्मचारियों के आपसी सामंजस्य एवं उनके कठिन परिश्रम के फल स्वरुप संभव हुआ है | श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के सफल संचालन के लिए वे बधाई के पात्र हैं | उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी आवश्यकतानुसार एवं मांग के अनुरूप श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के संचालन की योजना के लिए रेलवे तैयार है | उन्होंने कहा कि फिरोजपुर मंडल इस चुनौतीपूर्ण समय में देश की सेवा हेतु पूर्ण संकल्पित है |
मंडल रेल प्रबंधक श्री राजेश अग्रवाल ने बताया कि आज आज फिरोजपुर मंडल द्वारा 50वीं श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाई जाएगी जो मंडल के लिए गर्व की बात है | यह ट्रेन रात्रि में जालंधर सिटी से फैजाबाद के लिए श्रमिकों को लेकर रवाना होगी |किसी भी श्रमिक को टिकट, भोजन या पानी के लिए भुगतान करने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार इसकी व्यवस्था और भुगतान कर रही है। रेलवे द्वारा किराए में 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दिया गया है।
लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को अपने मूलस्थान जाने के लिए फिरोजपुर मंडल से 11 मई, 2020 तक कुल 50 ट्रेनें चलाई गई | जालंधर से 21 ट्रेनें, लुधियाना से 25 ट्रेनें तथा अमृतसर से 4 ट्रेन चलाई गई । ये ट्रेनें उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखण्ड के लिए लगभग 60000 यात्रियों के साथ रवाना हुई |
यात्रा में श्रमिकों को संक्रमण से बचाने के लिए उनकी स्क्रीनिंग, बोर्डिंग के समय उनके द्वारा सामाजिक दूरी का पालन एवं मास्क पहनना, कतारबद्ध तरीके से चढ़ना, प्रत्येक कोच में यात्रियों की संख्या को सीमित करना सुनिश्चित किया जाता हैं । वृद्ध एवं दिव्यांग व्यक्तियों को ट्रेनों में चढ़ने में रेलकर्मियों द्वारा मदद की जाती है | ट्रेन को एस्कॉर्ट करने के लिए आरपीएफ और जीआरपी के जवानों को नियुक्त किया गया है ।