श्री मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार का मकसद सर्वप्रथम लोगों के घरों में नल के माध्यम से पेयजल पहुंचाना, फिर रसोई व घर के प्रयोग हो चुके पानी को तालाब में डालकर उसको स्वच्छ करना है ताकि वह पशुओं के पीने के काम आ सके। उन्होंने कहा कि इसके बाद अतिरिक्त पानी को सूक्ष्म सिंचाई के माध्यम से फसलों को सिंचित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बड़े तालाबों के पानी की निकासी के लिए कृषि क्षेत्रों की पहचान की जाए।
बैठक में बताया गया किस सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे के आधार पर शहरों में 38 मानकों के आधार पर 600 तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 44 मानकों के आधार पर 15946 ऐसे तालाबों को चिन्हित किया गया है जिनका उद्धार किया जाना है।
इसके लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है जिसके अनुसार आगामी 10 वर्षों में ऐसे करीब 16,000 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा जिनका पानी खराब हो चुका है या बेकार हो चुके हैं। हरियाणा तालाब एवं अपशिष्टï जल प्रबंधन प्राधिकरण, शहरी स्थानीय निकाय, सिंचाई तथा विकास एवं पंचायत विभाग मिलकर इन तालाबों का सुधार करेंगे।