प्रकाश सिंह बादल के निधन से देश में राजनीति की एक सदी का हुआ अंत
पंजाब की सियासत के बेताज बादशाह बादल ने 95 साल की उम्र में ली आखिरी सांस, राजनीति दिगगजों ने दी श्रद्धाजंलि
सबसे कम उम्र के सरपंच और सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार
चंडीगढ़, 26 अप्रैल (विश्ववार्ता): पांच बार मुख्यमंत्री पद पर रहे मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का कल रात निधन हो गया, उनके निधन से देश में राजनीति की एक सदी का अंत हो गया है। उनके निधन से पंजाब सहित देश की राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई है।. प्रकाश सिंह बादल 94 साल की उम्र तक राजनीति में सक्रिय रहे थे। प्रकाश सिंह बादल पंजाब की सियासत के बेताज बादशाह रहे है। उन्होंने मंगलवार को शाम करीब साढ़े आठ बजे आखिरी सांस ली. बादल 95 वर्ष के थे. पिछले हफ्ते ही स्वास्थ्य समस्याओं के चलते उन्हें मोहाली फोर्टिस अस्पताल में दाखि़ल किया गया था। देश की सब बडी हस्तियों जिसमे प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, तमाम मंत्रियो ने प्रकाश सिह बादल के निधन पर शोक व्यक्त किया।
जून 2022 में भी सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था। कुछ समय बाद अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई थी। सितंबर 2022 में फिर सेहत बिगडऩे के बाद उन्हें पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था।
बादल 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर की पहली हार थी। अधिक उम्र के कारण वे चुनाव लडऩा नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे।
प्रकाश सिंह बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। तब वे सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे। 1957 में उन्होंने पहला विधानसभा चुनाव लड़ा। 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे। इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लडऩे के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने।