पंजाब, सप्लाई चेन मैनेजमेंट की अनुकूलता का अध्ययन करने वाला पहला राज्य
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अधीन अनाज के वितरण और खरीद के दौरान परिवहन लागत को घटाना अध्ययन का मुख्य उद्देश्य
चंडीगढ़, 3 मार्चःख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामले के मंत्री, पंजाब, लाल चंद कटारूचक्क के दूरदर्शी दिशा-निर्देशों के अंतर्गत काम करते हुये विश्व ख़ाद्य प्रोग्राम ( डब्ल्यू. एफ. पी.) की टीम की तरफ से पंजाब सरकार के साथ किये गए पंजाब के रूट आपटीमाईज़ेशन अध्ययन को ख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामलों के डायरैक्टर घनश्याम थोरी ने नयी दिल्ली में प्रमुख सचिव राहुल भंडारी की मौजुदगी में सभी राज्यों/ यू. टी के सचिवों के साथ हुई मीटिंग में पेश किया।
डायरैक्टर ने बताया कि विश्व ख़ाद्य प्रोग्राम द्वारा करवाये गये सप्लाई चेन मैनेजमेंट अध्ययन का स्वैच्छा के साथ आपटीमाईजेशन करने वाला पंजाब पहला राज्य है। जिसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत अनाज के वितरण और खरीद के दौरान राज्य के द्वारा की जाती परिवहन लागत को घटाना था।
उक्त उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए राज्य ने सप्लाई चेन मैनेजमेंट अध्ययन की अनुकूलता को शुरू करने के लिए डब्ल्यू. एफ. पी. टीम के साथ तालमेल किया। डायरैक्टर ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रौद्यौगिकी का लाभ उठाया है और अध्ययन करने के लिए खरीद केंद्रों मंडी यार्डों, चारों एजेंसियों (पनग्रेन, मार्कफैड्ड, पनसप और पंजाब स्टेट वेयरहाऊस निगम (पी. एस. डब्लयू. सी.) के गोदामों और मिलिंग केन्द्रों की भौगोलिक स्थिति (लांगीट्यूड, लैटीट्यूड) की जानकारी प्राप्त करने के लिए एक एप विकसित किया है। आपटीमाईज़ेशन अभ्यास को अमल में लाने के लिए सभी विवरण डब्ल्यू. एफ. पी. की टीम के साथ सांझे किये गए थे।
इसके बाद, टीम ने अनुकूलित सप्लाई चेन नतीजों के साथ सफलतापूर्वक अपनी रिपोर्ट पेश की। प्राप्त नतीजों अनुसार खरीद केंद्रों/ मंडी यार्डों की मौजूदा मैपिंग की औसत दूरी 5.29 किलोमीटर है जोकि अनुकूलन नतीजों के बहुत नज़दीक है और 4.52 औसत किलोमीटर बनती है। गेहूँ के वितरण के मामले में मौजूदा मैपिंग की औसत दूरी 13.33 है जोकि अनुकूलित नतीजों के बहुत नज़दीक है, जो औसतन 9.14 किलोमीटर है। ख़ाद्य, सिवल सप्लाई और उपभोक्ता मामलों के डायरैक्टर ने बताया कि राज्य सरकार अप्रैल, 2023 के दौरान होने वाली खरीद और राष्ट्रीय ख़ाद्य सुरक्षा एक्ट के अंतर्गत होने वाली वितरण की अनुकूलित मैपिंग को लागू करने की योजना बना रही है।
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