पंजाब के इस क्षेत्र में जिसके हाथ लगती हैं ज्यादा सीटें, उसी की बनती है सरकार
पंजाब का यह क्षेत्र रहा है हमेशा से राजनीतिक रूप से प्रभावशाली
आप पार्टी का इस क्षेत्र रहा है पिछले कुछ समय से दबदबा
जानिये पंजाब 2019 के चुनाव परिणामों पर भी एक नजर
चंडीगढ़, 17 मार्च (विश्ववार्ता) लोकसभा चुनावों का शंखनाद हो चुका है सभी पार्टियों चुनावी मैदान मे उतर चुकी हैे। किसानी सूबा कहे जाने वाले पंजाब की राजनीति की बात करे तो मालवा क्षेत्र का हमेशा से राजनीतिक रूप से प्रभावशाली क्षेत्र माना जाता है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में आप ने इस क्षेत्र की 69 विधानसभा सीटों में से 66 विधानसभा सीट जीती थीं। माझा क्षेत्र भी राजनीति की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में ही अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर आता है। दोआबा क्षेत्र में अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय की एक बड़ी आबादी है। पंजाब की आबादी में एससी समुदाय की हिस्सेदारी करीब 32 फीसदी है जो देश में सबसे ज्यादा है। पंजाब में सबसे ज्यादा अनिवासी भारतीय (एनआरआई) भी इसी क्षेत्र से हैं।
सतलुज नदी के दक्षिण वाले क्षेत्र को मालवा क्षेत्र कहा जाता है, दोआबा क्षेत्र ब्यास और सतुलज नदियों के बीच पड़ता है, जबकि माझा रावी और ब्यास नदियों के बीच पड़ता है। मालवा क्षेत्र में लोकसभा की आठ सीटें आती हैं, जिनमें लुधियाना, बठिंडा, फिरोजपुर, फरीदकोट (एससी), फतेहगढ़ साहिब (एससी), पटियाला, आनंदपुर साहिब और संगरूर संसदीय क्षेत्र शामिल हैं।
दो सीटें दोआबा क्षेत्र में आती हैं, जिनमें होशियारपुर (एससी) और जालंधर (एससी) संसदीय क्षेत्र शामिल हैं। माझा क्षेत्र में तीन संसदीय सीटें गुरदासपुर, अमृतसर और खडूर साहिब शामिल हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने पंजाब में आठ लोकसभा सीटें जीतीं थी। कांग्रेस ने मालवा क्षेत्र से लुधियाना, आनंदपुर साहिब, पटियाला, फतेहगढ़ साहिब और फरीदकोट, माझा क्षेत्र में अमृतसर और खडूर साहिब लोकसभा सीटें जीती थी, जबकि दोआबा क्षेत्र में आने वाली जालंधर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। हालांकि, 2023 के उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) ने जालंधर सीट पर कांग्रेस को हराकर इस सीट को अपने कब्जे में ले लिया था।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने मालवा क्षेत्र में आने वाली बठिंडा और फिरोजपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल की थी। आप मालवा क्षेत्र में आने वाली संगरूर सीट जीतने में कामयाब रही। भाजपा ने दोआबा क्षेत्र की होशियारपुर और माझा क्षेत्र की गुरदासपुर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। हालांकि, 2022 के उपचुनाव में शिरोमणि अकाली दल (अमृतसर) ने संगरूर लोकसभा सीट जीती, जबकि आप ने 2023 के उपचुनाव में जालंधर सीट जीत ली। राज्य की कुल 117 विधानसभा सीटों में से मालवा क्षेत्र में 69 सीटें आती हैं। पंजाब की राजनीति पर इस क्षेत्र के प्रभाव का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रकाश सिंह बादल, अमरिंदर सिंह, राजिंदर कौर भट्टल, बेअंत सिंह, भगवंत मान जैसे कई नेता जो राज्य के मुख्यमंत्री बने, वे इसी क्षेत्र से ही आते हैं। मालवा क्षेत्र अब निरस्त किये जा चुके तीन केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों के आंदोलन का केंद्र था।
बात करे पंजाब 2019 के चुनाव परिणामों पर एक नजर
2019 में कांग्रेस संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के तहत अकेले चुनावी मैदान में उतरी थी।
कांग्रेस ने 13 में से 8 सीटों पर जीत हासिल की थी।
शिरोमणि अकाली दल और बीजेपी ने 25 साल पुराना गठबंधन कायम रखते हुए चुनाव लड़ा था।
अकाली दल ने 13 में से 10 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें से 2 सीटों पर जीत हासिल की।
बीजेपी ने 3 में से 2 सीटें जीती थीं।
आम आदमी पार्टी ने पूरे भारत में केवल संगरूर सीट पर जीत हासिल की थी।
भगवंत मान संगरूर से जीतने वाले एकमात्र उम्मीदवार थे।
आम आदमी पार्टी ने 13 की 13 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारे थे।
कानूनों के खिलाफ 2020-21 में किसानों के आंदोलन का केंद्र था।