👉प्रदूषण नियंत्रण नियम तोडऩे के कारण थर्मल प्लांटों को लगे जुर्माने लोगों से वसूलने का ‘आप’ ने किया विरोध
चंडीगड़, 27 मई 2020 -आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार को चेतावनी दी है कि केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा राज्य के निजी और सरकारी थर्मल प्लांटों को प्रदूषण नियंत्रण उल्लंघनाओं के कारण लगे जुर्माने को पंजाब के बिजली उपभोक्ताओं पर डालने की कोशिश न की जाए, क्योंकि सरकारें-राजनीतिज्ञों की बिजली माफिया के साथ उच्च स्तरीय सांठ-गांठ होने के कारण पहले ही राज्य के लोग सबसे महंगी बिजली खरीदने के लिए मजबूर हैं।
पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के राज्य अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने कहा कि यदि प्राईवेट या सरकारी थर्मल प्लांट नियमों अनुसार खतरनाक तत्व सल्फर डाइऑक्साइड की निकासी कम करने के लिए जरुरी फल्यू गैस डिसल्फराइजेशन (एफजीडी) सिस्टम को नहीं लगाते और इस उल्लंघन के लिए इन थर्मल प्लांटों को भारी जुर्माना लगता है तो उस जुर्माने की रकम पंजाब के बिजली उपभोक्ता क्यों उठवाएं?
भगवंत मान ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने दो सरकारी और 2 प्राईवेट थर्मल प्लांटों के 13 यूनिटों में एफजीडी प्रणाली न स्थापित करने के आरोप में प्रति-यूनिट को प्रति माह 18 लाख रुपए जुर्माना लगाया है, परंतु पंजाब का बिजली विभाग (जिस के मंत्री खुद कैप्टन अमरिन्दर सिंह हैं) इस करोड़ों रुपए के नाजायज वित्तीय बोझ को पंजाब के सभी बिजली उपभोक्ताओं पर डालने की तैयारी में हैं, जिस को कदाचित बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भगवंत मान ने कहा कि यह पंजाब और पंजाब के लोगों पर दोहरी मार है। एक तरफ यह थर्मल प्लांट प्रदूषण कम करने के लिए जरूरी यंत्र नहीं लगा कर राज्य की जनता और आबो-हवा को नुक्सान पहुंचा रहे हैं, दूसरी तरफ इन की नालाइकी और मनमानी के कारण इन पर लगे भारी जुर्माने को भी पंजाब के लोगों की जेबों से निकालने की तैयारियां शुरु कर दी गई हैं।
‘आप’ सांसद ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को मुखातिब होते कहा, ‘‘पंजाब की जनता के सब्र का ओर इम्तिहान न लो। बिजली उपभोक्ता आपकी सरकार से भिक्षा में बिजली नहीं लेते। पूरे देश की अपेक्षा सबसे महंगी घरेलू बिजली दरों पर बिजली खरीदते हैं। फिर यदि बिजली माफिया अपने गैर कानूनी लाभ के लिए थर्मल प्लांट में एफजीडी सिस्टम लगाने और चलाने का खर्चा बचाने के लिए नियम-कानून छींके टांगता है तो उसकी कीमत पंजाब के लोग क्यों उठवाएं।
मान ने आंकड़ों के हवाले से कहा कि जनवरी से ले कर इस मई तक के पांच महीनों में यह जुर्माना 11.7 करोड़ रुपए बनता है, जिस को जून महीने में बिजली उपभोक्ताओं से वसूले जाने की तैयारी है।
भगवंत मान ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार की बिजली के क्षेत्र में घातक नीतियां और भ्रष्ट समझौतों की कीमत पंजाबियों को चुकानी पड़ रही है। भगवंत मान ने जहां केंद्र सरकार के बिजली संशोधन बिल 2020 को पंजाब और पंजाबियों के लिए बेहद खतरनाक बताया वहीं पिछली बादल सरकार की ओर से सरकारी थर्मल प्लांट बंद करके निजी थर्मल प्लांटों के साथ किए घातक और एकतरफा बिजली खरीद समझौते (पीपीएज) को बिना देरी रद्द करना समय की जरूरत बताया।
मान ने मांग की है कि बिजली समझौते रद्द करने और केंद्रीय बिजली संशोधन बिल के विरुद्ध प्रस्ताव पास करने के लिए कैप्टन सरकार को बिना देरी विधान सभा का विशेष सत्र बुला लेना चाहिए।
मान ने कहा कि यदि कैप्टन सरकार ने यह जुर्माने लोगों की जेबों से भरने का फैसला वापस न लिया तो इसका जबरदस्त विरोध किया जाएगा।
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