मुंबई, 25 जुलाई, (विश्ववार्ता) सुशांत सिंह राजपूत की मौत के पूरे डेढ़ महीने बाद उनकी आखिरी फिल्म ‘दिल बेचारा’ जिंदगी से कैसे लडना है रियल लाईफ मे सिखाती है। फिल्म का थीम है मौत और प्यार और अजीब बात है कि सुशांत की रियल लाइफ मौत ने भी सबके लिए सवाल पैदा कर दिए लेकिन इस फिल्म में उन्होंने मौत के लडऩे के कई फलसफे बताए हैं.
क्या है फिल्म की स्टोरी
सुशांत ने फिल्म में एक मैनी का किरदार निभाया है जो एक दिव्यांग होते हुए भी जिंदगी खुल के जीता है और उसकी मुलाकात होती है थाइरॉयड कैंसर से जूझ रही बंगाली लडक़ी कीजी बासु से. कीजी हमेशा एक ऑक्सीजन सिलिंडर लेकर साथ चलती है, और जिंदगी में हमेशा दुखी रहती है. जब दुखी कीजी खुशनुमा मैनी से मिलती है को बदल जाती है उसकी जिंदगी.
मौत से लड़ते-लड़ते कीजी और मैनी दोनों करीब आ जाते हैं. कीजी के हर सपने को पूरा करके मैनी पूरी कोशिश करता है पर आखिर में खुद जिंदगी से खुशी-खुशी लड़ते हुए चला जाता है. लेकिन मरते-मरते को कीजी को जीवन में प्यार देकर खुश रहने का मंत्र दे जाता है.
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