सहकारिता मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार किसानों के कल्याण के लिए वचनबद्ध है और उनकी बकाया राशि की मुकम्मल अदायगी के लिए सरकार द्वारा साल 2021-22 के बजट में 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स. रंधावा द्वारा यह भी जानकारी दी गई कि सहकारी चीनी मिलों की शुगर एक्सपोर्ट सब्सिडी और बफर स्टाक क्लेम के तौर पर बनती करीब 10.56 करोड़ रुपए की जल्दी अदायगी के लिए भारत सरकार के साथ संपर्क किया जा रहा है जिससे गन्ने की कुल बकाया अदायगी जल्दी से जल्दी की जा सके।
स. रंधावा ने बताया कि पंजाब सरकार द्वारा गन्ना काश्तकारों की आय बढ़ाने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं और सहकारी चीनी मिलों द्वारा गन्ने की बिजाई के लिए पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी, लुधियाना और इंडियन काउंसल आफ एग्रीकल्चर रिर्सच, करनाल के सहयोग से गन्ने की अधिक पैदावार वाली किस्मों के करीब 20 लाख पौधों की पनीरी तैयार करके गन्ना काश्तकारों को आश्विन -कार्तिक की बिजाई के दौरान बीज के तौर पर दिए जाएंगे। इससे न सिर्फ़ गन्ने की प्रति एकड़ पैदावार में विस्तार होगा बल्कि गन्ना काश्तकारों की प्रति एकड़ आय में भी विस्तार होगा। उन्होंने यह भी बताया कि इसी योजना के अंतर्गत कलानौर में गुरू नानक देव शुगर केन शोध और विकास केंद्र की स्थापना की गई है और लगभग 15 एकड़ में बीज फार्म तैयार कर दिया गया है और जल्दी ही इसको गन्ना काश्तकारों को समर्पित किया जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि बटाला सहकारी चीनी मिल में निजी हिस्सेदारी के अधीन 30 करोड़ रुपए की लागत से लगाए जा रहे बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट का काम सम्बन्धित पार्टी के द्वारा आज भू-पूजन करने के उपरांत शुरू किया जा रहा है जब कि भोगपुर सहकारी चीनी मिल में भी इसी तरह लगाए जा रहे बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट का काम इसी महीने शुरू कर दिया जायेगा।