चंडीगढ़ (आहूजा): हरियाणा के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका द्वारा कोरोना के दौरान वीवीआईपी कल्चर पर किये गए ट्वीट पर ऐसे प्रतिक्रियाएँ आयी जिस बारे शायद श्री खेमका ने भी सोचा नहीं होगा। लॉक डाउन के दौरान श्री खेमका ने कई बार अलग अलग ट्वीट किये। कोरोना से पैदा हुई परिस्थितियों से सम्बन्धित श्री हेमका ने कल जो ट्वीट बम छोड़ा उसपर उन्ही लोगों ने इस के विरुद्ध प्रतिक्रिया दी जो अक्सर उनके पक्ष में खड़े होते हैं। कईयों ने तो उन्हें सीधे-सीधे राजनीती के मैदान में उतरने की सलाह दे डाली।
असल में आईएएस खेमका ने ट्वीट कर लिखा कि लॉकडाउन की इस लंबी अवधि में उन्होंने किसी भी वीवीआईपी को लाइन में खड़े नहीं देखा। ट्वीट पर कुछ ने प्रतिक्रिया दी कि भीड़ थी कहाँ जो खेमका किसी भी वीवीआईपी को लाइन में खड़े देखते।
अपनी 27 साल की नौकरी में 53 तबादले देख चुके चर्चित आईएएस ने ट्वीट कर लिखा कि वीवीआईपी को दूसरों को सामान वितरित करते और फोटो खींचवाते जरूर देखा परन्तु उन्हें कतार में नहीं देखा।उन्होंने ट्वीट किया कि मैंने किसी वीवीआईपी को इस लॉकडाउन अवधि में भी जीवन की आवश्यक जरूरतों के लिए जनसाधारण की लाइन में खड़े होते नहीं देखा। हां, उन्हें दूसरों को सामान वितरित करते और फोटो खींचवाते हुए जरूर देखा है। जाके पांच न फटी बिवाई, वो क्या जाने पीर पराई।
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