सिंगला ने आढ़तियों को भी कृषि विरोधी बिलों के खिलाफ आवाज उठाने कि की अपील
कृषि विरोधी बिलों का मकसद सरकार और किसानों के बीच का सबसे मजबूत सम्बन्ध तोड़ना है – सिंगला
संगरूर/चंडीगढ़, 20 सितम्बरःस्कूल शिक्षा और लोक निर्माण मंत्री पंजाब श्री विजय इंदर सिंगला ने आज रविवार को आढ़ती भाईचारे को केंद्र सरकार द्वारा लाए तीन नये बिलों का जोरदार विरोध करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि इन बिलों के साथ मोदी सरकार आढ़ती और किसानों का गला घोंटना चाहती है। पंजाब भर से आए आढ़ती एसोसिएशनों के नुमायंदों को संबोधन करते हुए श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि हम यह बात गर्व के साथ कह सकते हैं कि आढ़ती सरकार और किसानों के बीच सबसे मजबूत कड़ी का काम करते हैं और आढ़ती द्वारा ही कृषि क्षेत्र के साथ जुड़े वर्गों के लिए पूजनीय स्थान रखतीं अनाज मंडियों में मर्यादा और नैतिक मूल्यों की रक्षा की जाती है। उन्होंने कहा कि यदि केंद्र की सरकार द्वारा इन बिलों को वापस न लिया गया तो मजबूरन आढ़तीयों को भी सड़कों पर उतर कर इनका विरोध करना पड़ेगा।
श्री सिंगला ने आढ़ती ऐसोसीएशनों से अपील की कि पार्लियामेंट स्ट्रीट में रोष रैली करने के साथ-साथ किसानों के साथ मिलकर उत्तरी भारत में चक्का जाम किया जाये जिससे इन काले बिलों के विरुद्ध रोष दर्ज करवाया जा सके। इस मौके पर उन्होंने यह भी अपील की कि रोष प्रदर्शन करते समय स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोविड-19 की लपेट में आने से बचने के लिए जारी दिशा-निर्देशों का सही ढंग के साथ पालन भी जरूर किया जाये।
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि इन बिलों के लागू होने से सिर्फ पंजाब के ही 7 लाख लोगों का रोजगार चला जाएगा क्योंकि इनकी वजह से अनाज मंडियों के खत्म होने का बड़ा अंदेशा है। उन्होंने कहा कि परंपरागत अनाज मंडियों ने बुरे से बुरा समय झेला है और केंद्र सरकार को बिहार से सबक लेने की जरूरत है जिसने 2006 में मंडी व्यवस्था को बंद कर दिया था। उन्होंने कहा कि यदि एक बार परंपरागत मंडियां बंद हो गईं तो बड़े और बेईमान व्यापारियों द्वारा किसानों की लूट करनी शुरू कर दी जायेगी और उनकी उपज निर्धारित मूल्य से भी नीचे खरीदी जायेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि पंजाब के आढ़ती ही यह निर्धारित करते हैं कि राज्य के किसानों के गेहूँ का मूल्य 1925 रुपए क्विंटल से कम न मिले जबकि बिहार में किसानों को इसी गेहूँ का मूल्य 1050 से 1190 रुपए क्विंटल ही मिलता है।
श्री सिंगला ने कहा कि इन बिलों का पास होना प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की कॉर्पोरेट घरानों के साथ दोस्ती को जग जाहिर करता है क्योंकि इनके कारण सिर्फ बड़े व्यापारियों का ही फायदा होना निश्चित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार न सिर्फ अपने राज्य में बल्कि दूसरे राज्यों में भी इसका पुरजोर विरोध करेगी।
श्री विजय इंदर सिंगला ने कहा कि ये बिल देश के संघीय ढांचे पर सीधा हमला हैं क्योंकि संविधान के अनुसार कृषि राज्यों अधीन आने वाला विषय है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा मंडी व्यवस्था तोड़ने के लिए जारी किये गए इन बिलों को लागू होने से रोकने के लिए हर संभव यत्न किये जाएंगे।
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