*काले कृषि क़ानून रद्द करवाने के लिए विरोधी दल एक सुर हो कर मोदी सरकार के नाक में दम करें- भगवंत मान*
*…आप सांसद ने कृषि क़ानून रद्द करवाने के लिए संसद में ‘काम रोको प्रस्ताव’ का ठोका छक्का*
नई दिल्ली/चंडीगढ़, 27 जुलाई : किसानी विरोधी तीन कृषि कानून रद्द करवाने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान ने मंगलवार को लगातार 6ठी बार संसद में ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश किया। किसानों के हक में आवाज बुलंद करते हुए भगवंत मान ने कहा कि देश के किसान लंबे समय से नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, इस लिए संसद में अन्य सभी कार्य रोक इन कृषि कानूनों को रद्द करने के बारे में ही चर्चा हो।
मंगलवार को जारी किए बयान में भगवंत मान ने राहुल गांधी पर टिप्पणी करते कहा, ‘‘राहुल गांधी कह रहे हैं कि संसद के मानसून सत्र के दौरान ट्रैक्टर चला कर मोदी सरकार को किसानों का संदेश दे दिया है। कांगे्रसी युवराज यह समझ लें कि एक दिन के दिखावे से काले कृषि क़ानून रद्द नहीं होंगे, जब सभी विरोधी दल किसानों के समर्थन में संसद और विधान सभाओं के अंदर और बाहर, सडक़ों और अन्य स्थानों पर एकजुट आवाज बुलंद करके केंद्र सरकार के नाक में दम करेंगी, तो ही काले क़ानून रद्द होंगे।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस को किसानों के नाम पर ढोंग नहीं करना चाहिए। सभी कांग्रेसी सांसदों को जासूसी आदि के अन्य मुद्दे छोड़ कृषि कानूनों को रद्द करवाने का मुद्दा ही उठाना चाहिए।
संसद में लगातार 6ठी बार ‘काम रोको प्रस्ताव’ पेश करते भगवंत मान ने कहा कि देश के किसान पिछले आठ महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर कृषि कानूनों को वापस करवाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। मान ने काम रोको प्रस्ताव में लिखा, ‘अपना देश एक कृषि प्रधान देश है। इस लिए मेरा निवेदन है कि संसद में अन्य सभी कार्य रोक दिए जाएं और तीनों ही कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए विशेष चर्चा किया जाए।’
‘आप’ सांसद ने मानसून सत्र के शुरुआत से ही उनके द्वारा पेश किए जा रहे ‘काम रोको प्रस्ताव’ को केंद्र सरकार की ओर से अस्वीकार करने की सख्त निंदा की। मान ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही, बल्कि बिजली संशोधन बिल-2021 संसद में पेश करके किसानों पर एक ओर हमला करने की तैयारी कर रही है। यह राज्यों के अधिकारों पर भी डाका होगा और इससे किसानों समेत अन्य सभी वर्गों की बिजली सब्सिडी खत्म हो जाएगी।