कांग्रेस सरकार के विरूद्ध पंजाब में गुस्से तथा निराशा की लहर:शिरोमणी अकाली दल
पार्टी की रैलियां अप्रैल के पहले सप्ताह से फिर शुरू होंगी: सरदार सुखबीर सिंह बादल
चंडीगढ़/26मार्च: शिरोमणी अकाली दल ने आज राज्य भर में जनसभाओं का सिलसिला फिर से शुरू करने का फैसला किया, जिसे पार्टी अध्यक्ष सरदार सुखबीर सिंह बादल ने कोविड-19 महामारी के पाॅजिटिव आने के बाद रोक दिया गया था।
सरदार सुखबीर सिंह बादल की अध्यक्षता में कोर कमेटी की वर्चूअल मीटिंग में रैलियों को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया गया, उन्होने मीटिंग में कहा कि वह बीमारी से पूरी तरह से ठीक हो गए हैं तथा उन्हे 30 मार्च से सामान्य कार्य फिर से शुरू करने की सलाह दी गई है।
सरदार बादल ने कहा कि वह पहले अमृतसर जाकर श्री हरिमंदिर साहिब जाकर माथा टेकेंगे तथा वाहेगुरु का धन्यवाद करेंगे।
कोर कमेटी ने बीमारी से अकाली दल अध्यक्ष के जल्द स्वस्थ होने के लिए परमात्मा का आभार व्यक्त करने के लिए अरदास की।
कोर कमेटी का मानना है कि राज्य भर में कांग्रेस के खिलाफ ‘निराशा, हताशा तथा गुस्से की लहर फैल गई है। दलितों , किसानों से लेकर छात्रों, कर्मचारियों तथा बेरोजगार नौजवानों से लेकर हर पंजाबी कांग्रेसी हुक्मरानों से पूरी तरह ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसानों से कर्ज माफी, हर नौजवान को नौकरी , दलितों तथा गरीब वर्ग के लोगों को मुफ्त प्लाॅट तथा मकान, नौजवानों को स्मार्ट फोन तथा राज्य की सभी लड़कियों को पूरी तरही मुफ्त शिक्षा जैसे सपनों का वादा करते हुए पवित्र गुरुबाणी की शपथ ली थी। कर्मचारियों को वेतन आयोग लागू करने तथा युवाओं को ब्याज मुक्त कर्ज देने का वादा किया था ताकि युवा नया व्यवसाय शुरू कर सकें तथा आत्महत्या प्रभावित किसान परिवार को दस लाख रूपये से अधिक पैसे का वादा तथा सरकारी नौकरी का वादा किया था। ‘चार साल बीत चुके हैं तथा इस सरकार ने अपने अनगिनत वादों में से एक भी वादा पूरा नही किया है। इसके विपरीत, इसने अधिकांश गांवों में सुविधा केंद्रो तथा राज्य में हर कैंसर रोगी को 1.5 लाख रूपये मुफ्त इलाज जैसी कल्याणकारी योजनाओं को भी बंद कर दिया है।
बैठक में श्री बलविंदर सिंह भुंडर, जत्थेदार तोता सिंह, शिरोमणि समिति के अध्यक्ष बीबी जागीर कौर, श्री चरणजीत सिंह अटवाल, प्रो। श्री प्रेम सिंह चंदूमाजरा, श्री महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, डॉ। श्री दलजीत सिंह चीमा, श्री जगमीत सिंह बराड़, श्री जनमेजा सिंह सेखों, श्री सिकंदर सिंह मलूका, डॉ। श्री उपिंदरजीत कौर, श्री गुलजार सिंह रणीके, श्री सुरजीत सिंह राखरा, श्री शरणजीत सिंह ढिल्लों, श्री हीरा सिंह गबरिया और श्री बलदेव मान ने भी भाग लिया।